दुनिया को मुट्ठी में करने का साहस रखने वाला युवा कहलाता है : साध्वी

जैन सभा में विराजमान जैन भारती सुशील कुमारी महाराज की शिष्य श्रमणी गौरव डा. साध्वी सुनीता महाराज ने सत्संग सभा में युवा पीढ़ी को अपने प्राचीन इतिहास की याद दिलाकर श्रेष्ठ युवाओं का जिक्र किया

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 04:01 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 04:01 PM (IST)
दुनिया को मुट्ठी में करने का साहस रखने वाला युवा कहलाता है : साध्वी
दुनिया को मुट्ठी में करने का साहस रखने वाला युवा कहलाता है : साध्वी

संवाद सूत्र, मौड़ मंडी :

जैन सभा में विराजमान जैन भारती सुशील कुमारी महाराज की शिष्य श्रमणी गौरव डा. साध्वी सुनीता महाराज ने सत्संग सभा में युवा पीढ़ी को अपने प्राचीन इतिहास की याद दिलाकर श्रेष्ठ युवाओं का जिक्र किया।

उन्होंने कहा कि वो युवा धर्म कार्य में शूरवीर पराक्रमी योद्धा होते थे जोकि क्लबों, सिनेमा घरो, पार्टियों, जुआ घरो में जाकर अपना अनमोल यौवन व्यर्थ नहीं करते थे। इसको सेवा परोपकार धर्म कामों में लगाते थे। युवा की परिभाषा करते हुए कहा कि आंखों में उम्मीद के सपने, नई उड़ान भरता हुआ मन, कुछ कर दिखाने का दमखम और दुनिया को अपनी मुट्ठी में करने का साहस रखने वाला युवा कहलाता है। जैन साध्वी ने समझाया कि युवा शब्द ही मन में उड़ान और उमंग पैदा करता है। आज के भारत को युवा भारत कहा जाता है क्योंकि हमारे देश में असंभव को संभव में बदलने वाले युवाओं की संख्या सर्वाधिक है। ऐसे में यह प्रश्न महत्वपूर्ण है कि युवा शक्ति वरदान है या चुनौती? महत्वपूर्ण इसलिए भी यदि युवा शक्ति का सही दिशा में उपयोग किया जाए तो इनका जरा सा भी भटकाव राष्ट्र के भविष्य को अनिश्चित कर सकता है। इसलिए उचित मार्गदर्शन से विकास में राष्ट्र बड़ी ताकत बन सकता है। साध्वी श्री ने कहा कि आज की शिक्षा ने नई पीढ़ी को संस्कार और समय किसी की समझ नहीं दी है। यह शिक्षा मूल्यहीनता को बढ़ाने वाली साबित हुई है। अपनी चीजों को कमतर करके देखना और बाहरी सुखों की तलाश करना इस जमाने को और विकृत कर रहा है।परिवार और उसके दायित्व से टूटता सरोकार भी आज जमाने के ही मूल्य हैं।

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