सिविल अस्पताल में नहीं बन पाई आरटीपीसीआर लैब

देश में ओमिक्रोन के अब तक 21 केस मिल चुके हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 03:21 AM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 03:21 AM (IST)
सिविल अस्पताल में नहीं बन पाई आरटीपीसीआर लैब
सिविल अस्पताल में नहीं बन पाई आरटीपीसीआर लैब

जागरण संवाददाता, बठिडा: देश में ओमिक्रोन के अब तक 21 केस मिल चुके हैं। अब तक की सर्च में खुलासा हुआ है कि ओमिक्रोन की संक्रमण दर काफी तेज है। समय रहते जरूरी कदम उठाने होंगे, नहीं तो कोरोना की खतरनाक तीसरी लहर कभी भी आ सकती है। इस चेतावनी के बीच स्थानीय सिविल अस्पताल में तीसरी लहर से लड़ने के लिए पुख्ता इंतजाम के दावे तो किए जा रहे हैं, लेकिन जमीनी सच्चाई इसके विपरित है। अस्पताल में तीन महीने पहले बनी आरटीपीसीआर लैब खोलने की योजना अब तक सिरे नहीं चढ़ पाई है।

दावा किया गया था कि कोरोना व उससे संबंधित सभी तरह की जांच की सुविधा स्थानीय स्तर पर उपलब्ध होगी, जिससे मरीज के उपचार में होने वाली देरी कम होगी। इससे पहले जांच के लिए सैंपल फरीदकोट मेडिकल कालेज में भेजे जा रहे हैं, जिसमें रिपोर्ट आने में एक से दो दिन का समय लग रहा है। विभाग के अधिकारियों के अनुसार लैब स्थापित होने से कोरोना जांच के बाद रिपोर्ट एक दिन में ही मिल सकेगी। इससे स्वास्थ्य विभाग को कोरोना संक्रमण की चेन पकड़ने में आसानी होगी और तेजी से कांटेक्ट ट्रेसिग की जाएगी, लेकिन इस योजना पर काम अब तक शुरू नहीं हो सका है। सिविल सर्जन डा. तेजवंत सिंह ढिल्लो का कहना है कि अस्पताल में लैब बनने का काम चल रहा है। इस काम को पूरा करने में करीब दो माह का समय लगेगा। लैब बनने के लिए मशीन स्थापित की जाएगी। इसके बाद ही आरटीपीसीआर सैंपल टेस्ट हो सकेंगे। डीपीआर तैयार होने के बाद कागजों में दबी योजना लैब खुलने के बाद बठिडा में जल्द रिपोर्ट मिलने से मरीजों का उपचार भी जल्दी शुरू किया जा सकता है। सेहत विभाग ने सितंबर 2021 में इस बाबत योजना बनाकर आगामी दो माह में अस्पताल में लैब तैयार होने की उम्मीद जताई थी। इसके लिए विभाग द्वारा अस्पताल परिसर में भवन निर्माण के लिए उचित जगह की तलाश भी कर ली गई थी। इंजीनियरिग विभाग द्वारा विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर सरकार को भेजी गई, लेकिन इसके बाद इसकी प्रक्रिया सरकारी कागजों में ही सीमित होकर रह गई। अभी फरीदकोट मेडिकल कालेज ही भेजे जा रहे सैंपल कोरोना संक्रमण की कड़ी तोड़ने के लिए प्रदेश सरकार ने कोरोना सैंपलिग की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया है। सरकार का उद्देश्य है कि अधिक से अधिक लोगों के सैंपल लिए जाएं और लोगों को तीन दिन के बजाय एक ही दिन में रिपोर्ट मिल सके और समय रहते उपचार शुरू किया जा सके। हालांकि साधनों की कमी व सरकार की तरफ से आरटीपीसीआर लैब स्थापित करने के निर्णय को लेकर गंभीरता नहीं दिखाने से योजना अभी अधर में लटकी है। फिलहाल सैंपल अभी भी फरीदकोट मेडिकल कालेज लैब में भेजे जा रही हैं, जहां से रिपोर्ट आने में 36 से 48 घंटे लग जाते हैं। फरवरी 2022 तक तीसरी लहर का प्रकोप बढ़ने की आशंका आशंका जताई जा रही है कि फरवरी 2022 तक प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर का प्रकोप बढ़ सकता है। इससे निपटने के लिए जरूरी है कि कोरोना सैंपल जांच में तेजी लाई जाए। वही इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने ओमिक्रोन के बढ़ते मामलों को लेकर चिता जाहिर कर सरकार से मांग की है कि कोरोना वारियर्स के लिए वैक्सीन की अतिरिक्त डोज मुहैया कराई जाए। वही सरकार की तरफ से उठाए गए प्रबंधों को लेकर भी चिता जाहिर की है।

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