माता-पिता की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म : आचार्य सुभाष जी

गीता भवन में परम पूज्य संत शिरोमणि बाबा बंसी वाले जी की अध्यक्षता में आयोजित श्री मद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 17 Jan 2020 12:03 AM (IST) Updated:Fri, 17 Jan 2020 12:03 AM (IST)
माता-पिता की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म : आचार्य सुभाष जी
माता-पिता की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म : आचार्य सुभाष जी

संसू, रामपुरा फूल : गीता भवन में परम पूज्य संत शिरोमणि बाबा बंसी वाले जी की अध्यक्षता में आयोजित श्री मद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया गया। इस दौरान कथा वाचक आचार्य सुभाष चंद्र जी ने कहा कि जब-जब धरती पर अत्याचार बढ़े हैं, तब-तब अपने भक्तों की रक्षा के लिए स्वयं भगवान को विभिन्न 24 अवतारों के रूप में धरती पर आना पड़ा है। इनमें एक अवतार है नरसिंह का।

आचार्य जी ने बताया कि नरसिंह अवतार में भगवान का आधा शरीर नर का और आधा सिंह का था। इसलिए भगवान के उक्त अवतार को नरसिंह का अवतार कहा जाता है। उन्होंने पैसों के पीछे भागने वाले लोगों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मोह माया के पीछे दौड़ने के कारण आज का इंसान प्रभु सिमरन भूलकर ईश्वर से दूर होता जा रहा है।

उन्होंने कहा कि भगवान को याद करने की बात तो दूर आज का इंसान मोहमाया के जाल में फंसकर जन्म देने वाले माता-पिता को भी भूल रहा है। तभी वह अपने आप को अनेक संकटों में फंसा हुआ महसूस कर रहा है, क्योंकि माता-पिता की सेवा करना ही सबसे बड़ा धर्म है। उन्होंने सभी को माता-पिता की निष्काम सेवा करने के लिए प्रेरित किया।

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