दो हजार रुपये प्रति क्विटल कम पर बिकने लगा नरमा

गुलाबी सुंडी के हमले के कारण पहले ही आर्थिक मार झेल रहे किसानों के बचे हुए नरमे की फसल पर भी आर्थिक मार पड़ने लगी है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 04:47 AM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 04:47 AM (IST)
दो हजार रुपये प्रति क्विटल कम पर बिकने लगा नरमा
दो हजार रुपये प्रति क्विटल कम पर बिकने लगा नरमा

जागरण संवाददाता, बठिडा: नरमा की फसल पर हुए गुलाबी सुंडी के हमले के कारण पहले ही आर्थिक मार झेल रहे किसानों के बचे हुए नरमे की फसल पर भी आर्थिक मार पड़ने लगी है। नरमे के भाव में आई गिरावट ने किसानों को एक आर्थिक चोट पहुंचाई है। हालात ये हैं कि प्रति क्विंटल दो हजार रुपये कम में नरमा बिक रहा है। माहिरों के अनुसार रेट कम होने के पीछे ओमीक्रोन के फैलने से कपास की मांग कम होने का तर्क दिया जा रहा है।

पंजाब सरकार ने नरमा की खराब हुई फसल का मुआवजा देने के लिए फसलों की गिरदावरी तो करवा ली, मगर अब तक किसानों को मुआवजा नहीं मिला। इस बार फसल खराब होने के कारण नरमे का उत्पादन भी कम हुआ है, जिस कारण किसानों को अच्छा भाव मिलने की उम्मीद थी, लेकिन बीते 10 दिन में नरमा का भाव दो हजार प्रति क्विटल कम हो गया है। इसके चलते किसान परेशान दिखाई दे रहे हैं। राज्य में किसानों को अधिक से अधिक 9400 रुपये प्रति क्विटल का रेट भी मिल चुका है, लेकिन अब मंडियों में किसानों को सात से आठ हजार रुपये प्रति क्विटल मिल रहे हैं। बहुत से किसानों ने भाव बढ़ने के इंतजार में नरमा की फसल भी नहीं बेची। हालांकि पंजाब में नरमा का एमएसपी 5825 रुपये है। बठिंडा व मानसा में 1.30 लाख हेक्टयर में हुई थी बिजाई मालवा क्षेत्र में नरमा की फसल सबसे ज्यादा होती है। राज्य में हुई तीन लाख हेक्टेयर में से करीब 1.30 लाख हेक्टेयर बठिडा व मानसा जिले में बिजा गया था। इन दोनों जिलों में ही गुलाबी सुंडी ने फसल को खराब कर दिया था, जिस कारण नरमे का उत्पादन कम हुआ है। किसानों को उम्मीद थी कि अब बचे हुए नरमा का उनको बढि़या रेट मिल जाएगा, लेकिन एकदम से नरमा के दाम में गिरावट आ गई। ओमिक्रोन के कारण मांग कम होने से घटे दाम: नीरज कुमार

माहिरों के अनुसार अंतरराष्ट्रीय बाजार में कपास की मांग कम होने के कारण दाम में मंदी आई है, जबकि कुछ लोग इसको ओमिक्रोन के फैलने के साथ जोड़कर देख रहे हैं। काटन कार्पोरेशन आफ इंडिया पंजाब के जनरल मैनेजर नीरज कुमार के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर कोरोना वायरस का नया रूप ओमिक्रोन फैलने के कारण कपास की मांग कम हुई है, जिस कारण नरमे के दाम में कमी आई है। वहीं किसान यूनियन के राज्य महासचिव रामकरण सिंह रामा ने बताया कि पहले गुलाबी सुंडी तो अब रेट कम होने से किसानों को नुकसान हुआ है।

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