पार्षदों को हाउस मीटिंग में बोलने से रोकने के लिए की जा रही साजिश: गिल

यह पहली बार है कि जब नगर निगम के पार्षदों को हाउस मीटिग से पहले पत्र जारी किया गया है कि वे अपने सवाल 48 घंटे पहले लिखकर दें।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 23 Nov 2021 09:45 PM (IST) Updated:Tue, 23 Nov 2021 09:45 PM (IST)
पार्षदों को हाउस मीटिंग में बोलने से रोकने के लिए की जा रही साजिश: गिल
पार्षदों को हाउस मीटिंग में बोलने से रोकने के लिए की जा रही साजिश: गिल

जागरण संवाददाता, बठिडा: बठिडा नगर निगम के पार्षद व आम आदमी पार्टी के हलका इंचार्ज जगरूप सिंह गिल ने कहा कि यह पहली बार है कि जब नगर निगम के पार्षदों को हाउस मीटिग से पहले पत्र जारी किया गया है कि वे अपने सवाल 48 घंटे पहले लिखकर दें। ऐसा कर पार्षदों के अधिकारों पर डाका मारा जा रहा है। मेंबर मीटिग में सवाल रख सकते हैं। क्योंकि कई सवाल तो ऐसे होते हैं जो मीटिग में ही निकलते हैं। ऐसे में 48 घंटे पहले सवाल लिखने का मतलब ही पैदा नहीं होता। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि मीटिग में पार्षदों को बोलने से रोका जा सके।

पार्षद गिल मंगलवार को अपने दफ्तर में मीडिया से बातचीत कर रहे थे। इसके अलावा उन्होंने नगर निगम की ओर से हाउस मीटिग से पहले तैयार किए गए एजेंडे में शामलाट की जमीनों के मालिकों को मालिकाना हक देने पर भी सवाल उठाए। उन्होंने बताया कि नगर निगम की ओर से लोगों के साथ धोखा किया जा रहा है, जिसके तहत जो लोग शामलाट की जमीनों पर बैठे हैं। उनको कलेक्टर रेट के हिसाब से पैसे देने होंगे, जिसके बाद जमीन उनके नाम पर रजिस्टर होगी। लेकिन शामलाट की जमीनों पर बैठे लोगों को मालिकाना हक बिना किसी पैसों के देना चाहिए। शहर में 50 हजार से ज्यादा लोग शामलाट की जमीनों पर बैठे हैं।

उन्होंने बताया कि उनके द्वारा 26 अगस्त 2010 को भी मीटिग में मुद्दा उठाया गया था कि शामलाट की जमीनों को लोगों के नाम पर किया जाए, लेकिन इस पर भी अमल नहीं हुआ। यहां तक कि डीसी बठिडा ने एक पत्र जारी कर शामलाट की जमीनों को नगर निगम के नाम पर कर दिया। अगर ऐसा ही हो सकता है तो डीसी से एक और पत्र लिखवा लिया जाए कि लोगों को उनकी जमीनों का हक दिया जाता है, लेकिन सरकार यह सारा कुछ पैसों के लिए कर रही है। उन्होंने शहर के कुछ प्रतिष्ठित स्थानों के नाम भी लेकर बताया कि इनके पास कई-कई एकड़ जमीन है। अगर यह क्लेक्टर रेट के हिसाब से पैसे भरेंगे तो बहुत ज्यादा हो जाएंगे। ऐसे में क्या नगर निगम इनसे डंडे के जोर पर पैसे निकलवाएगा। अगर ऐसा हुआ तो विरोध करने वाले पहले आदमी होंगे। उन्होंने यह भी बताया कि शहर में 1288 बीघा शामलाट की जमीन पती झुटीका तो 1600 बीघा शामलाट की जमीन पती मेहना में आती है। इसके अलावा उन्होंने कुछ कांग्रेसी नेताओं को भी शामलाट की जमीन की एनओसी देने के आरोप लगाए।

chat bot
आपका साथी