किसानों के संघर्ष की आवाज बन हौसला बढ़ा रहे पंजाबी गायक

कृषि सुधार कानून के विरोध में किसानों की ओर से केंद्र सरकार खिलाफ शुरू किए गए मोर्चे में पहली बार पंजाबी गायक व कलाकार भी उतर आए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 01 Dec 2020 04:44 PM (IST) Updated:Tue, 01 Dec 2020 04:44 PM (IST)
किसानों के संघर्ष की आवाज बन हौसला बढ़ा रहे पंजाबी गायक
किसानों के संघर्ष की आवाज बन हौसला बढ़ा रहे पंजाबी गायक

जागरण संवाददाता, बठिडा : कृषि सुधार कानून के विरोध में किसानों की ओर से केंद्र सरकार खिलाफ शुरू किए गए मोर्चे में पहली बार पंजाबी गायक व कलाकार भी उतर आए हैं। गायक व कलाकार ने न सिर्फ जोशीले गीतों के जरिये बल्कि धरनों में पहुंचकर किसानों का हौसला बढ़ाया। पंजाबी गायकों ने किसानों का हौसला बढ़ाने के लिए करीब एक दर्जन गीत गए हैं, जो आजकल किसानों के धरनों में खूब गूंज रहे हैं। गायक कंवर ग्रेवाल ने किसानों के संघर्ष के दौरान शंभू बैरियर पर पहुंचकर पुलिस के नाकों को तोड़कर किसानों के जोश को बढ़ाया। फिल्मी कलाकार दीप सिद्धू पिछले लंबे समय से किसानों के हक में शंभू मोर्चा चला रहे हैं। इसके अलावा फिल्मी कलाकार योगराज सिंह, गग्गू गिल व गायक हरभजन मान किसानों के धरनों में पहुंच चुके हैं, जबकि मानसा जिले से संबंधित गायक आरनेत किसानों के साथ दिल्ली मोर्चे में डटे हुए हैं। पंजाबी गायकों अपने गीतों के जरिए किसानों की जमीनें छीनने, किसानी संघर्ष व केंद्र सरकार द्वारा धक्केशाही को उजागर किया है। किसानों की ट्रैक्टर ट्रालियों पर चल रहे यह गीत उनका जोश बढ़ा रहे हैं। वहीं, गायक बब्बू मान ने भी दिल्ली मोर्च में पहुंच कर किसानों को संबोधित किया ।

गायक ऐसे गीत गाकर बढ़ा रहे हैं किसानों का हौसला

सूफी गायक कंवर ग्रेवाल ने हर्ष चीमा का गीत 'खिच लै जट्टा, खिच तैयारी पेचा पै गिया सेंटर नाल' काफी किसानों में खूब चर्चित है। इसके अलावा ग्रेवाल का गीत 'कोई खंडे तिखे, कोई किरपाण करूगा, तैने दिल्लीए इकट्ठा परेशान करूगा, फायदे नालों ज्यादा नुकसान करूगा, फसलां दे फैसले खुद किसान करूगा।' इसके अलावा किसानों के दिल्ली की तरफ कूच करने पर 'चार पंज घंटिया दी बात दिल्लीए, तैनू याद करवा दियांगे औकात दिल्लीए' गीत चर्चित हुए हैं। मालवा के गायक भाईयों दीपा घोलिया व बूटा भाईरूपा ने भी सबसे से पहले 'जट्टां दे गीत गाओन वालियो, खड़ जो नाल किसानां दे' गीत गाकर किसानों में जोश भरा है। मालवा के गांव जंडावाला से संबंधित पंजाबी गायक हरभजन मान ने 'कदे ना कीती एतवार दी छुट्टी, कम वलों वीरा तेरी कदे तार ना टुटी, चारदा तूं वंड दुध चुंघ जाए कट्टा, वंदान है साडी तैनू यमलिया जट्टा' गीत किसानों के लिए गाया है।

बब्बू मान ने 'अक्ख दुश्मन दी नोच दिओ, चौथी वार मंजी ठोक दियो' गीत पेश किया है। वह लगातार किसान संघर्ष की हिमायत कर रहे हैं। वहीं, किसानी संघर्ष को लेकर 'धक्के नाल कोई करे जदों एक्वायर, लोकां दी आवाज बन जांदी फायर' गीत भी काफी प्रसिद्ध हुआ है। मनमोहन वारिस व कमल हीर ने अच्छे दिनों पर पंजाब की किसानी डुबोने पर गीत प्रस्तुत किया। वहीं, एक ओर गीत 'अक्खां खोल पंजाब सियां, तेरे घर लुटेरे वड़ गए नै' गीत किसानों को जगाने के लिए प्रस्तुत किया है। गायक नरिदर गिल ने 'तेरी मां वेचन नूं आ गए ' गीत किसानों के लिए पेश किया। किसी गायक ने 'गाय है कि पंजाब सियां बस नां दी आड़ी दिल्ली दी, कालियां नीतियां करदे लागू नियत माड़ी दिल्ली दी, तेर गल तक पहुंच गई है आन कुहाड़ी दिल्ली दी, तेरियां खुदकुशियां ते क्यों ताड़ी वजदी दिल्ली दी' व 'वेला आ गिया याद किसानां दे सिस्टम दे गल विच फाना' गाकर सरकारों पर कटाक्ष किया है। इसके अलावा अन्य ओर भी गीत किसानों का हौसला बढ़ा रहे हैं।

किसानों के साथ हैं गायक

किसानों के मोर्चे में डटे हुए मानसा जिले से संबंधित प्रसिद्ध पंजाबी गायक आरनेत, बब्बू मान, कंवर ग्रेवाल, गीतकार शेरो मट्ट वाला दिल्ली मोर्चे में किसानों के साथ डटे हुए हैं। उनका कहना है कि असल में यह लड़ाई अकेले किसानों की नहीं है, बल्कि पंजाब की सीमा बचाने के लिए लड़ाई बन चुकी है। बेशक वह किसान परिवार से संबंधित नहीं है, मगर वह पंजाब व पंजाबियत को बचाने के लिए किसानों के संघर्ष में आगे आए हैं। कंवर ग्रेवाल व दीप सिद्धू भी किसानों के संघर्ष में आगे आकर अपना रोल अदा कर रहे हैं।

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