पीआरटीसी को दो दिन में 16 लाख का घाटा, अधिकारियों की छुट्टिंयां रद
पंजाब रोडवेज व पीआरटीसी में ठेके पर काम कर रहे मुलाजिम पक्की नौकरी के लिए हड़ताल पर हैं।
जागरण संवाददाता, बठिडा: पंजाब रोडवेज व पीआरटीसी में ठेके पर काम कर रहे मुलाजिम पक्की नौकरी के लिए हड़ताल पर हैं। बुधवार को लगातार दूसरे दिन उन्होंने बसों का संचालन नहीं किया। इस कारण 80 फीसद रूट प्रभावित रहे। दो दिन में ही पीआरटीसी को करीब 16 लाख रुपये के रेवेन्यू का घाटा उठाना पड़ा है। इससे चिंता में आए प्रबंधन ने पीआरटीसी के अधिकारियों की छुट्टियों को रद कर दिया है। वे किसी न किसी तरह बसों का संचालन करवा रहे हैं। यहां तक कि जीएम से लेकर क्लर्क लेवल के अधिकारी व मुलाजिम दिन-रात ड्यूटी कर रहे हैं।
दूसरी तरफ हड़ताल पर रहने वाले ड्राइवरों व कंडक्टरों की रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जिसको हेड आफिस में भेजकर कार्रवाई के लिए लिखा जाएगा। हालांकि पीआरटीसी की मैनेजमेंट ने हड़ताल से पहले ही नोटिस जारी कर दिया था कि यह हड़ताल गैर कानूनी है। इसके चलते हड़ताल पर रहने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी। हालात यह हैं कि पीआरटीसी के पक्के मुलाजिमों की तरफ से बसों का संचालन किया जा रहा है, लेकिन उनकी गिनती कम होने के कारण सभी रूटों पर बसों को चलाना मुश्किल है। अगर यह हड़ताल आगे भी जारी रहती है तो पीआरटीसी को काफी नुकसान हो सकता है।
वहीं बठिडा डिपो के वर्कशाप गेट पर धरना लगाकर प्रदर्शन करने वाले ड्राइवरों व कंडक्टरों की ओर से बुधवार को भी प्रदर्शन किया गया। मुलाजिमों की हड़ताल के कारण बठिडा डिपो से चलने वाली बसों का संचालन सिर्फ 20 फीसद ही रह गया है। इस कारण यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है। पीआरटीसी की बसों में फ्री में सफर करने वाली महिलाओं को अब प्राइवेट बसों का सहारा लेना पड़ रहा है। यूनियन के प्रधान गुरसिकंदर सिंह ने बताया कि वह सरकार से लंबे समय से कच्चे मुलाजिमों को पक्का करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन हर बार उनको अनदेखा किया गया है। जिसके चलते उनके द्वारा हड़ताल की गई है, जो मांगों के पूरा होने तक जारी रहेगी।