शंकाओं से घिरे हैं विरोध में उतरे पंजाब के किसान, कृषि विधेयकों के प्रावधानों से अनजान

पंजाब में किसान केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि विधेयकों का विरोध कर रहे हैं। वे रेल रोको और पंजाब बंद जैसे आंदोलन कर रहे हैं लेकिन क‍ृषि विधेयकों से अनजान हैं और उनको इसके प्रावधानों के बारे में पता तक नहीं है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Sat, 26 Sep 2020 08:15 AM (IST) Updated:Sat, 26 Sep 2020 01:03 PM (IST)
शंकाओं से घिरे हैं विरोध में उतरे पंजाब के किसान, कृषि विधेयकों के प्रावधानों से अनजान
पंजाब में कृषि विधेयकों के विरेाध में प्रदर्शन करते किसान।

बठिंडा, जेएनएन। पंजाब में किसान संगठन केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि विधेयकों के विरोध में सड़कों पर उतरे हुए हैं और आंदोलन कर रहे हैं। किसान कृषि विधेयकों के खिलाफ हाइवे, रेल ट्रैक सहित अन्य प्रमुख सड़कों पर उतर कर विरोध कर रहे हैं। इसके बावजूद वे कृषि विधेयकों से अनजान हैं। किसान विधेयकों के बारे में बिना जाने कई शंकाओं से घिरे हैं। वे नहीं जानते कि आने वाले समय में उनकी फसलों की बिक्री के लिए विधेयकों में क्या राहत दी गई है। ऐसे में पूरे आंदोलन को लेकर सवाल भी पैदा हाे रहे हैं।

चाहते हैं कि कानून बनने व लागू से पहले उन्हें पूरी जानकारी दी जाए

शुक्रवार को विभिन्न जिलों में केंद्र सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया गया और आज भी किसानों का रेल रोकाे आंदाेलन जारी है। किसान रेल ट्रैकों पर वीरवार से जमे हैं। ऐसे में किसानों से जब उनके विरोध और विधेयकों को लेकर सवाल किए गए तो वह इसे लेकर स्पष्ट रूप से कुछ नहीं बता पाए। सब ने यही कहा कि अब किसानों को फसल का सही मूल्य नहीं मिलेगा और निजी कंपनियां मनमर्जी से मोलभाव करेंगी।

केंद्र सरकार जहां न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) व मंडी की व्यवस्था बरकरार रखने का दावा कर रही है। वहीं किसानों में रोष इस बात को लेकर है कि सरकार एमएसपी व मंडियों को खत्म किया जा रहा है। शंकाओं से घिरे किसानों ने सरकार से कहा कि अगर विधेयक लाना ही था तो पहले किसानों को इसके बारे में समझाया जाना चाहिए था।

प्रदर्शन में शामिल होने आए संगरूर के किसान बलविंद्र सिंह को विधेयक के बारे में पूरी जानकारी नहीं थी, लेकिन उनका कहना था कि ऐसा बताया गया है कि इसके लागू होने से मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी। इससे किसान बर्बाद हाे जाएंगे। वहीं बठिंडा के शिंगारा सिंह मान ने कहा, मैं बेशक कृषि विधेयकों के बारे में ज्यादा नहीं जानता, लेकिन जितना पता लगा है उससे अनुमान लगाया जा सकता है कि यह विधेयक किसानों के लिए ठीक नहीं। सबसे बड़ा नुकसान किसानों को फसल बेचने के समय होगा, फसल का पूरा मूल्य नहीं मिलेगा।

विरोध प्रदर्शन में आए बठिंडा के ही किसान जसबीर सिंह ने कहा, सरकार को चाहिए कि ये कानून बनाने व लागू करने से पहले उसके बारे में पूरी जानकारी किसानों को दी जाए, जिससे किसान अपने भविष्य को लेकर संदेह में न रहें। सरहिंद के शाहबाद सिंह को शंका है कि कहीं अब किसानों को फसल का सही दाम नहीं मिलेगा। उन्‍होंने कहा कि वह नहीं जानते कि सरकार के इस फैसले से किसान का क्या भला होगा। सही से यह भी नहीं मालूम कि इससे बुरा क्या होने वाला है।

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