मशाल मार्च निकालकर किया किसानों का समर्थन
केंद्र सरकार के खेती सुधार कानूनों के विरोध व किसानों के हक में विभिन्न संगठनों के नेताओं ने बुधवार को शहर में मशाल मार्च निकाला।
जागरण संवाददाता, बठिडा
केंद्र सरकार के खेती सुधार कानूनों के विरोध व किसानों के हक में विभिन्न संगठनों के नेताओं ने बुधवार को शहर में मशाल मार्च निकाला। इन संगठनों की ओर से किसान समर्थन कमेटी का गठन किया गया है, जो किसानों की मांगों के पूरा होने तक संघर्ष में साथ देने का ऐलान कर चुकी है।
कमेटी ने बुधवार को बठिडा के टीचर्स होम में मशाल मार्च शुरू किया, जो शहर की मुख्य सड़क से होते हुए वित्तमंत्री के दफ्तर की तरफ रवाना हुआ। इस मार्च के कारण शाम के समय लोगों को ट्रैफिक की समस्या से भी जूझना पड़ा।
कमेटी के वरिदर सिंह की अगुआई में नेताओं ने नारेबाजी करते हुए किसानों की मांगों को पूरा करने की मांग की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से लाए गए खेती सुधार कानूनों के बाद किसानों की फसलों का एमएसपी खत्म हो जाएगा, जिसको किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसान पूरे देश के लिए अनाज पैदा करता है। मगर अब उसको अपने लिए ही संघर्ष की जरूरत पड़ रही है।
वरिदर ने कहा कि पंजाब सरकार राज्य में एक लाख नई नौकरियां देने की बात कर रही है। मगर वे लोग समूह सरकारी विभागों में पिछले लंबे समय से काम करते आ रहे हैं, जिनको अभी तक पक्का नहीं किया गया। पंजाब सरकार ने सत्ता में आने से पहले लोगों से घर घर नौकरी देने का वादा किया गया था, जिसको भी आज तक पूरा नहीं किया गया। उलटा विभागों में पहले से काम रहे मुलाजिमों की छंटनी कर उनको नौकरियों से निकाला जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर 4 दिसंबर को सब कमेटी की होने वाली मीटिग में मुलाजिमों को रेगुलर करने पर विचार नहीं किया गया तो वह आने वाले दिनों में संघर्ष को और तेज करेंगे। इस मौके पर जगरूप सिंह, गुरविदर सिंह, सेवक सिंह, संदीप खान, जगसीर सिंह, खुशदीप सिंह आदि उपस्थित थे।