छठे पे कमिशन की रिपोर्ट के विरोध में डाक्टर व सरकारी मुलाजिम हड़ताल पर

पंजाब सरकार की ओर से जुलाई माह से लागू किए जा रहे छठे पे कमीशन के विरोध में प्रदर्शन।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 06:07 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 06:07 PM (IST)
छठे पे कमिशन की रिपोर्ट के विरोध में डाक्टर व सरकारी मुलाजिम हड़ताल पर
छठे पे कमिशन की रिपोर्ट के विरोध में डाक्टर व सरकारी मुलाजिम हड़ताल पर

जागरण संवाददाता, बठिडा :

पंजाब सरकार की ओर से जुलाई माह से लागू किए जा रहे छठे पे कमिशन के विरोध में डाक्टर व सरकारी मुलाजिम हड़ताल पर चले गए हैं। हालांकि डाक्टरों द्वारा ओपीडी सेवाएं बंद कर दो घंटों के लिए प्रदर्शन किया जा रहा है तो सरकारी दफ्तरों के मुलाजिमों द्वारा काम बंद कर रोष प्रदर्शन निकाले जा रहे हैं। मगर मुलाजिमों व डाक्टरों की हड़ताल के कारण आम लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। अस्पताल में अपना चेकअप करवाने के लिए आए मरीज डाक्टरों के ओपीडी कमरों में आने का इंतजार करने को मजबूर हैं तो सरकारी दफ्तरों में लोग अपनी फाइलों के पास होने का इंतजार कर रहे हैं।

डाक्टरों की ओर से पंजाब सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन के आह्वान पर बुधवार को दूसरे दिन जिला प्रधान डा. गुरमेल सिंह व महासचिव डा. खुशदीप सिंह सिद्धू की अगुआई में सिविल सर्जन दफ्तर के बाहर रोष धरना दिया। डाक्टरों ने सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे ओपीडी सेवाएं बंद रखी, जिसके कारण मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ी। डाक्टरों ने चेतावनी भी दी कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को पूरा नहीं किया व कम किए गए नान प्रेक्टिस अलाउंसेज (एनपीए) वापस नहीं लिए गए तो 25 जून से सभी प्रकार की सेहत सुविधाएं बंद रखकर अनिश्चितिकालीन समय के लिए रोष प्रदर्शन शुरू किया जाएगा। इसमें कोविड सेंटर की सेवाएं भी बंद कर दी जाएगी।

इस अवसर पर एसोसिएशन के डा. अरूण बांसल, डा. रविकांत गुप्ता, डा. धीरज गोयल, डा. सतीश जिदल, डा. जगरूप सिंह, डा. अंजली आदि उपस्थित थे। मिनिस्ट्रियल स्टाफ ने निकाला रोष मार्च

पंजाब सरकार की ओर से लागू की गई छठे पे कमिशन की रिपोर्ट के विरोध में पंजाब स्टेट मिनिस्ट्रियल सर्विस यूनियन की ओर से जिला प्रधान राजवीर सिंह की अगुआई में दफ्तरों में काम बंद कर प्रदर्शन किया गया। मुलाजिमों की हड़ताल के कारण सभी सरकारी दफ्तरों में काम बंद रहा। यहां तक कि तहसील दफ्तर में रजिस्ट्रियां नहीं हो पाई तो अन्य दफ्तरों से लोगों के विभिन्न प्रकार के सर्टिफिकेट पास नहीं हो पाए। इस दौरान मुलाजिमों ने मांग की कि रिपोर्ट को 2.75 के साथ लागू किया जाए, 2004 के बाद भर्ती हुए मुलाजिमों पर पुरानी पेंशन स्कीम बहाल की जाए, सीपीएफ कर्मचारियों की फैमिली पेंशन लागू की जाए, स्टेनो टाइपिस्टों का टेस्ट माफ किया जाए, बराबर काम बराबर वेतन के सिद्धांत को लागू किया जाए, 200 रुपये प्रोफेशन टैक्स को वापिस लिया जाए। इस दौरान मुलाजिमों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वह हड़ताल करेंगे। इस मौके पर बलदेव सिंह, दीदार सिंह, गुरप्रीत सिंह, गुरचरन सिंह, गुरसेवक सिंह, पूजा, नरेश कुमार, पलविदर सिंह, परमजीत सिंह, सुरिदर सिंह, कैलाश शर्मा, साहिल सिगला आदि उपस्थित थे। बीडीए दफ्तर के मुलाजिमों ने भी किया प्रदर्शन

बीडीए विभाग के समूह मुलाजिमों की तरफ से अपनी मांगों को लेकर हड़ताल की गई। मुलाजिम सुबह 10 से दोपहर एक बजे तक कलम छोड़ हड़ताल पर रहे। ज्वाइंट एक्शन समिति बीडीए के सहायक सचिव रोबिन कुमार ने कहा कि पंजाब सरकार से लंबे समय से लटकती आ रही मुलाजिमों की मांगों को पूरा करवाने व छठे पे कमीशन की मुलाजिम विरोधी रिफारशों को रद करवाने के लिए सभी मुलाजिम संगठन को एक ही झंडे नीचे एकत्र होने की जरूरत है। जबकि 25 जून को पूरे दिन के लिए मुकम्मल कलम छोड़ हड़ताल की जाएगी। इस दौरान संगठन के उप प्रधान कुलवीर सिंह, हरजीत कौर, महासचिव राजेश गुप्ता, प्रेस सचिव दीपक सिगला, गुरविदर सिंह, संयुक्त सचिव रुपिदर सिंह, कैशियर नैब सिंह, मेंबर शाम लाल, मोदन सिंह आदि उपस्थित थे।

आम नेता ने की सरकार से विचार करने की मांग

छठे पे कमिशन की रिपोर्ट को लागू करने पर आम के जिला प्रधान नील गर्ग ने सरकार से विचार करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा छठे पे कमिशन की सिफारिशें गुमराह करने के अलावा कुछ नहीं है। उनके द्वारा सरकार के फैसले की निदा की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसा कर मुलाजिमों के साथ धक्का कर रही है। उन्होंने वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल से अपील की है कि वह अपने फैसले पर फिर से विचार करें।

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