परमात्मा ही सबका आधार : माता सुदीक्षा

परमात्मा यदि हमारा अपना है तो उसका रचा हुआ संसार भी हमारा अपना ही है। यह परमात्मा सबका आधार है। हर एक में और ब्रह्मांड के कण-कण में इसी का वास है। ऐसा भाव जब हृदय में बस जाता है तब किसी अन्य वस्तु अथवा मनुष्य में फिर कोई फर्क नजर नहीं आता।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 30 Nov 2021 03:14 PM (IST) Updated:Tue, 30 Nov 2021 03:14 PM (IST)
परमात्मा ही सबका आधार : माता सुदीक्षा
परमात्मा ही सबका आधार : माता सुदीक्षा

संस, बठिडा : परमात्मा यदि हमारा अपना है तो उसका रचा हुआ संसार भी हमारा अपना ही है। यह परमात्मा सबका आधार है। हर एक में और ब्रह्मांड के कण-कण में इसी का वास है। ऐसा भाव जब हृदय में बस जाता है तब किसी अन्य वस्तु अथवा मनुष्य में फिर कोई फर्क नजर नहीं आता। अत: हम यह कह सकते हैं कि समस्त संसार एक परिवार की भावना जीवन में धारण करने से ही उन्नति सम्भव है। यह विचार निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने वर्चुअल रूप में आयोजित 74वें वार्षिक निरंकारी संत समागम के दूसरे दिन सत्संग समारोह को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।

सतगुरु माता जी ने प्रतिपादन किया कि यदि हम आध्यात्मिकता के ²ष्टिकोण से देखें तो वास्तविक रूप में सबका आधार यह परमात्मा ही है, जिस पर विश्वास भक्ति की बुनियाद है। इसीलिए अपनत्व के भाव को धारण करके हम सब एक दूसरे के साथ सद्भावपूर्ण व्यवहार करें। हर एक के प्रति मन में सदैव प्रेम की ही भावना बनीं रहे, नफरत की नहीं। यदि हम किसी के लिए कुछ कर भी रहे हैं तब उसमें सेवा का भाव हो, एहसान का नहीं।

परमात्मा पर विश्वास की बात को और अधिक स्पष्ट करते हुए सतगुरु माता जी ने कहा कि जब हम इस परम सत्ता को ब्रह्मज्ञान द्वारा जान लेते हैं तो फिर इस पर विश्वास करने से ही हमारी भक्ति सही अर्थों में और सु²ढ़ होती है। उसके उपरांत फिर जीवन में घटित होने वाले विभिन्न प्रकार के उतार-चढ़ावों के कारण हमारा मन विचलित नहीं होता। यह ²ढ़ता हमें सत्संग, सेवा और सुमिरन के माध्यम से प्राप्त होती है।

इसके पूर्व चल रहे सत्संग समारोह में देश-विदेश से भाग ले रहे वक्ता, गीतकार एवं कवियों ने अपने अपने व्याख्यान, गीत एवं कविताओं के माध्यम से समागम के मुख्य विषय विश्वास, भक्ति, आनंद' पर रोशनी डाली।

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