जेल में नहीं जैमर, धड़ल्ले से हो रहा मोबाइल का इस्तेमाल

पंजाब की माडर्न कहीं जाने वाली जेल आज भी पूरी तरह से आधुनिक नहीं हो पाई।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Jul 2020 10:37 PM (IST) Updated:Sun, 05 Jul 2020 10:37 PM (IST)
जेल में नहीं जैमर, धड़ल्ले से हो रहा मोबाइल का इस्तेमाल
जेल में नहीं जैमर, धड़ल्ले से हो रहा मोबाइल का इस्तेमाल

नितिन सिगला, बठिडा : स्मार्ट फोन और 4 जी के समय में पंजाब की विभिन्न जेलों में बंद कैदियों व हवालाती प्रतिदिन स्मार्ट होते जा रहे है, लेकिन पंजाब की माडर्न कहीं जाने वाली जेल आज भी पूरी तरह से आधुनिक नहीं हो पाई। कहने को तो सरकार ने इन जेलों को मार्डन जेल के नाम दे दिए है, लेकिन प्रदेश की कई जेलों में आज भी दो जी जैमर लगे हुए है, जबकि कैदियों के पास से 4जी वाले मोबाइल फोन व सिम कार्ड लगातार बरामद हो रहे है। ऐसे में 4 जी नेटवर्क के आगे पुराने हो चुके 2जी जैमर पूरी तरह से फेल हो चुके है। इसके कारण पंजाब की जेल में बंद गैंगस्टर व बड़े अपराधी बिना किसी रोक-टोक के मोबाइल फोन के जरिए अपना नेटवर्क चला रहे है, वहीं जेल से फिरौती मांगने, सुपारी देने, डराने-धमकाने जैसी बड़ी वारदातों को अंजाम दे चुके है। हर बार पुलिस का एक ही जबाव होता है कि वह मामले की पड़ताल कर रहे है और कैदी या हवालाती का अदालत से पुलिस प्रोडेक्शन वारंट हासिल कर पूछताछ की जाएगी। पूछताछ की या नहीं, इसके बारे में आज तक किसी कुछ नहीं पता है। कुल मिलकर जेलों में चल रहे मोबाइल फोन के इस खेल में पुलिस से लेकर जेल प्रशासन व सुरक्षा कर्मियों की स्पष्ट रूप से मिलीभगत होने का संदेह होता है। इतना ही नहीं पिछले छह माह में बठिडा पुलिस ने तीन ऐसे केस भी दर्ज किए है, जिसमें पैसे लेकर पुलिस कर्मियों व जेल सुरक्षा कर्मियों की तरफ से कैदियों व गैंगस्टरों को मोबाइल फोन व नशा पहुंचाया गया था, लेकिन आज तक उन मामलों की जांच केवल फाइलों में ही चल रही है। आज तक पूरा सच बाहर नहीं आ सका है।

छह माह में 50 से ज्यादा मोबाइल बरामद, ज्यादा तरह स्मार्ट फोन

सेंट्रल जेल बठिडा में जैमर नहीं लगने के कारण ही कैदी व हवालाती आराम से मोबाइल फोन व इंटरनेट सेवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं। बता दें कि सेंट्रल जेल में जैमर लगाने का प्रस्ताव राज्य सरकार पारित कर चुकी है। मगर फंड की कमी के कारण प्रस्ताव अब ठंडे बस्ते में है। जेल में जैमर लगाने की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने यहां एक सर्वेक्षण भी कराया था। मगर उसके बाद कोई कदम नहीं उठाया गया। यही कारण है कि जेलों में बंद कैदियों व हवालातियों से मोबाइल मिलने की घटनाओं को लेकर बठिडा जेल हमेशा सुर्खियों में रहती है। पिछले छह माह की बात करे, तो बठिडा जेल से करीब 50 से ज्यादा मोबाइल फोन बरामद हो चुके है, जिसमें ज्यादा तरह 4जी वाले स्मार्ट फोन शामिल है। ज्यादातर मामलों में पुलिस ने कैदियों व हवालातियों के नाम से केस दर्ज किए हैं, लेकिन यह मोबाइल अंदर कैसे पहुंचे, इसके बारे में ना तो जेल प्रशासन के पास जबाव है और नहीं बठिडा पुलिस के पास। गौर होकि इससे पहले सेंट्रल जेल पुलिस लाइंस परिसर के पास थी। मगर जून 2015 में उसे गांव गोबिदपुरा स्थानांतरित कर दिया गया। पुरानी जेल कम जगह में थी और वहां कैदियों को रखने की क्षमता कम थी। पंजाब के जेल अधिकारियों ने उच्च सुरक्षा मानदंडों के साथ 69 एकड़ जगह में दो नई जेलों की इमारतों का निर्माण किया था। इसमें पुरुषों की जेल 40 एकड़ में और महिलाओं की जेल 29 एकड़ में बनाई गई। इसके बावजूद जेल से मोबाइल फोन ओर नशीले पदार्थो की बरामदगी जेल के सुरक्षा प्रबंधों पर सवालिया निशान खड़े करते हैं। नवंबर में सीआरपीएफ को सौंपा था सुरक्षा का जिम्मा पंजाब की जेल में बंद गैगस्टरों व कैदियों से आए दिन मिल रहे मोबाइल फोन व नशा के मामलों को देखते हुए प्रदेश की जेलों की सुरक्षा का जिम्मा सीआरपीएफ को सौंप दिया गया था। इसके तहत बीती 27 नवंबर 2019 को बठिडा सेंट्रल जेल में भी सीआरपीएफ की कंपनियां तैनात कर दी गई थी। 135 जवानों वाली इस कंपनी के 64 जवानों को जेल के विभिन्न एरिया में तैनात किया गया था। जेल में अंदर आने व जाने वाले हर कैदी की तलाशी भी सीआरपीएफ जवानों द्वारा ली जाती है। इसके बावजूद जेल से बरामद हुए उक्त मोबाइल किसने और कैसे पहुंचाया ये रहस्य बना हुआ है। जेल में 35 कुख्यात गैंगस्टर जबकि 1800 से ज्यादा कैदी व हवालाती हैं बंद

बठिडा सेंट्रल जेल कई विवादों को लेकर चर्चा में रहती है। मार्च 2019 में इंटेलिजेंस ने जेल में छापामारी के दौरान राशन में आई आटे की बोरियों से 80 के करीब बीड़ी के बंडल और 20 के करीब नए मोबाइल मिले थे। यहां पर बंद गैंगस्टरों व कैदियों के बीच झड़प के कई मामले भी सामने आए हैं, जबकि जेल में बंद गैंगस्टरों द्वारा मोबाइल के जरिए फिरौती मांगने, अपनी सोशल मीडिया अपडेट करने के कई मामले सामने आ चुके हैं। बठिडा जेल में मौजूदा समय में 35 कुख्यात गैंगस्टर बंद है, जबकि 1800 से ज्यादा कैदी व हवालाती में बंद है। जेलों में वर्जित वस्तुएं पकड़े जाने की सूरत में जेल मैनुअल में बाकायदा सजा का भी प्रावधान है। लेकिन जेल प्रशासन जेल मैनुअल अनुसार कार्रवाई करने की जगह पुलिस को पत्र लिख कर पल्ला झाड़ लेता है। जैमर लगाने की मिल चुकी है मंजूरी पंजाब के जेल मंत्री सुखजिदर सिंह रंधावा ने आज दावा किया कि जेलों में जैमर लगाने की मंजूरी केंद्र सरकार की ओर से मिल गई है। आठ महीनों में पूरा कर लिया जाएगा, लेकिन आज तक 4जी जैमर नहीं लग पाएं है। सेंट्रल जेल बठिडा के सुपरिटेंडेंट मंजीत सिंह का कहना है कि जेल में जैमर नहीं है। सरकार स्तर पर कोई योजना है, तो उन्हें कोई जानकारी नहीं है।

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