पावरकाम इंजीनियर कल से संघर्ष पर, धान की रोपाई होगी प्रभावित
धान की रोपाई 10 जून से शुरू होने जा रही है लेकिन पावरकाम के इंजीनियरों ने सोमवार से संघर्ष शुरू करने का एलान कर दिया है।
जागरण संवाददाता, बठिडा: धान की रोपाई 10 जून से शुरू होने जा रही है, लेकिन पावरकाम के इंजीनियरों ने सोमवार से संघर्ष शुरू करने का एलान कर दिया है। इस कारण बिजली की कमी से धान की रोपाई प्रभावित हो सकती है। संघर्ष के तहत पावरकाम के इंजीनियर शाम पांच से सुबह नौ बजे तक अपने मोबाइल फोन बंद रखेंगे। वहीं 15 जून से सरकारी वाट्सएप ग्रुपों से भी बाहर हो जाएंगे और सरकारी सिम मैनेजमेंट को सौंपेंगे। पीएसइबी इंजीनियर के समूह सदस्य मास लीव पर जाएंगे। यह फैसला शनिवार को पीएसइबी इंजीनियर्स एसोसिएशन के बठिडा रीजन की हुई बैठक के दौरान लिया गया।
एसोसिएशन के रीजन सचिव मिलन जैन व एसोसिएट सदक्य धर्मवीर दुग्गल ने बताया कि एसोसिएशन की सेंटर बाडी की तरफ से बार-बार मैनेजमेंट के साथ मीटिग की गई, लेकिन उनकी मांगों का निपटारा नहीं किया जा रहा। पावरकाम मैनेजमेंट की ओर से अब तक वेज फारमेशन कमेटी का गठन नहीं किया गया, जिससे मैनेजमेंट की तरफ से ट्राई पार्टी समझौते का बार-बार उल्लंघन किया जा रहा है। इसका सीधा संबंध पावर इंजीनियर के वेतन के साथ है। खाली पदों को खत्म करना बेहद चिताजनक
जैन ने बताया कि पावरकाम में लंबे समय से खाली पड़े पद नहीं भरे जा रहे, उल्टा इन पदों को खत्म किया जा रहा है। खाली पदों का सीधा प्रभाव पब्लिक सर्विस पर पर पड़ रहा है। पब्लिक को निर्विघ्न सप्लाई देने में बहुत दिक्कतें पेश आ रही हैं। किसानों और आम लोगों की तरफ से पावरकाम इंजीनियर तथा कर्मचारियों को बंदी बनाकर उनके साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि नए सहायक इंजीनियर का 18,030 का स्केल मैनेजमेंट की तरफ से लंबे समय से जानबूझकर रोका हुआ है। मौजूदा समय में सीएमडी पावरकाम के पास दो विभागों का चार्ज होने के कारण वह सही तरीके से काम नहीं कर पा रहे। इसलिए पावरकाम का एक कायम मुकाम टेक्नोक्रेट सीएमडी लगाया जाए ताकि उसके पास मसलों को हल करने का पूरा समय हो।