'द ट्रैजिडी आफ पाल गोमरा' में पेश किया हिदी कवि का दर्द

11वीं शाम शहरवासियों को एक सोलो ड्रामा द ट्रैजिडी आफ पाल गोमरा देखने को मिला।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 11 Oct 2021 09:58 PM (IST) Updated:Mon, 11 Oct 2021 09:58 PM (IST)
'द ट्रैजिडी आफ पाल गोमरा' में पेश किया हिदी कवि का दर्द
'द ट्रैजिडी आफ पाल गोमरा' में पेश किया हिदी कवि का दर्द

जासं,बठिडा: बठिडा के बलवंत गार्गी ओपन एयर थियेटर में नाट्यम बठिडा की तरफ से आयोजित राष्ट्रीय नाट उत्सव की 11वीं शाम शहरवासियों को एक सोलो ड्रामा 'द ट्रैजिडी आफ पाल गोमरा' देखने को मिला। द होराइजन थियेटर, दिल्ली की टीम की तरफ से लेखक उदय प्रकाश की लिखी कहानी पर आधारित डायरेक्टर प्रतीक सिंह के निर्देशन में पेश किए गए इस नाटक में कलाकार विजय ने अकेले ही स्टेज से पेशकारी देते हुए दर्शकों को अपने साथ जोड़े रखा।

नाटक में 90 के दशक में आए आर्थिक बदलाव और वैश्वीकरण की नीतियों के रोजगार, आम जन जीवन से लेकर साहित्यक क्षेत्र में पड़े प्रभावों को पेश किया गया, जिसका शिकार हिदी कवि पाल गोमरा हुआ। वह अंग्रेजी भाषा आगे देशी भाषाओं को अनदेखा करने के रुझान के कारण बेचैनी महसूस करता है और बदलाव लाने के लिए प्रयास करना चाहता है, लेकिन लाचार है। नाट उत्सव की 11वीं शाम का आगाज बठिडा शहरी कांग्रेस के प्रधान अरुण वधावन, प्रिसिपल सतविदर कौर सिद्धू, नगर निगम के एसई हरपाल सिंह भुल्लर और एडवोकेट मोहित बांसल ने किया। अरुण वधावन ने आडीटोरियम और इस मेले के आयोजन के लिए कीर्ति कृपाल व नाट्यम टीम को बधाई दी। नाट्यम बठिडा के प्रधान सुदर्शन गुप्ता ने मेहमानों, दर्शकों व कलाकारों का स्वागत किया। चेयरमैन डा.कशिश गुप्ता ने बताया कि 14 अक्टूबर तक और भी नाटक खेले जाएंगे। जिले में नाटक उत्सव का काफी अच्छा रिस्पांस मिल रहा है। रोजाना लोगों की भीड़ जुट रही है और लोग इसे काफी पसंद कर रहे हैं। कलाकार भी बठिंडा वासियों का उत्साह देखकर गदगद हैं।

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