मेडिटेशन से लोगों की मानसिक परेशानी दूर कर रहीं सुरिदर मोंगा

वीरवार को माता का नौवां नवरात्र है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 14 Oct 2021 04:07 AM (IST) Updated:Thu, 14 Oct 2021 04:07 AM (IST)
मेडिटेशन से लोगों की मानसिक परेशानी दूर कर रहीं सुरिदर मोंगा
मेडिटेशन से लोगों की मानसिक परेशानी दूर कर रहीं सुरिदर मोंगा

संस, बठिडा: वीरवार को माता का नौवां नवरात्र है। इस दिन को रामनवमी के तौर पर भी मनाया जाता है। मां सिद्धिदात्री नाम से ही स्पष्ट है कि सब कुछ संतानों को देने वाली, समाज को देने वाली स्त्री। अपने अनुभव, ज्ञान, दर्शन से दिशा प्रदान करने वाली महिलाओं में मां के इस स्वरूप के दर्शन होते हैं। ऐसी ही महिला हैं सुरिदर मोंगा, जिन्होंने आगे आकर लोगों की मानसिक स्थिति को संभालने व जीवन जीने के लिए प्रेरित किया।

सुरिदर मोंगा द्वारा अपना पूरा जीवन लोगों को समर्पित किया गया है। यहां तक की अपनी शादी भी इन्होंने ऐसे व्यक्ति से की जोकि देख नहीं सकते। आज वह अपना खुशहाल जीवन बीता रही हैं, लेकिन इस जीवन काल में इन्होंने काफी चुनौतियों का सामना भी किया है। सुरिदर मोंगा ने बताया कि वह साल 2007 से मेडिटेशन करवा रही हैं। वहीं धार्मिक कहानियां सुनने का शौक बचपन से था। वैसे तो वह पंजाबी फैमली से हैं, लेकिन इन्हें राधा, कृष्ण, रामायण व महाभारत की कहानियां सुनने का शौक बचपन से था। स्कूल में जब पीटी करतीं तो इन्हें काफी सुकुन मिलता था। इसके बाद 2007 में मेडिटेशन से जुड़ीं। कोर्स करने के बाद मेडिटेशन व योग टीचर बन गई। अब आर्ट आफ लिविग से जुड़ी हैं। जेल में भी हजारों कैदियों को दिलाई मानसिक शांति

सुरिदर मोंगा ने बताया कि उन्होंने सबसे अधिक मेडिटेशन जेल में कैदियों को करवाई। मेडिटेशन करने के बाद जेल के कैदी धन्यवाद करने के लिए पत्र भी लिखते थे, जिसे देखकर इन्हें काफी सुकुन मिलता है। जीवन में कठिनाइयां कभी खत्म नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें चाहिए कि इनसे लड़ने के लिए हमारा मानसिक रूप से सही होना जरूरी है। इसके लिए मेडिटेशन बहुत जरूरी है ताकि जीवन में आने वाले हर समस्या का सामना हम कर सके।

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