रामपुरा के सरकारी व प्राइवेट गोयल ब्लड बैंक से रक्त ले सकेंगे मरीज

सिविल अस्पताल बठिंडा के सरकारी ब्लड बैंक का लाइसेंस 14 दिनों के लिए सस्पेंड कर दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 03 Jan 2021 02:01 AM (IST) Updated:Sun, 03 Jan 2021 02:01 AM (IST)
रामपुरा के सरकारी व प्राइवेट गोयल ब्लड बैंक से रक्त ले सकेंगे मरीज
रामपुरा के सरकारी व प्राइवेट गोयल ब्लड बैंक से रक्त ले सकेंगे मरीज

जागरण संवाददाता, बठिडा : सिविल अस्पताल बठिंडा के सरकारी ब्लड बैंक का लाइसेंस 14 दिनों के लिए सस्पेंड किए जाने के बाद रक्त लेने के लिए मरीजों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही थी। वहीं आपातकालीन केसों में भी मरीजों के स्वजनों को महंगे दामों में प्राइवेट ब्लड बैंक जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा था।

सबसे ज्यादा परेशानी थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों, गर्भवती महिलाओं व हादसों में घायल मरीजों को हो रही थी। वहीं प्रतिदिन होने वाले आपरेशन के दौरान भी मरीजों को प्राइवेट ब्लड बैंकों से रक्त लाना पड़ रहा था। इन परेशानियों को मद्देनजर रखते हुए बठिडा के नए सिविल सर्जन डा. तेजवंत सिंह ढिल्लों ने ब्लड बैंक बंद होने से पेश आ रही परेशानियों पर बैठक कर इसका सार्थक हल निकालने के लिए अधिकारियों को हिदायतें दी। उन्होंने ड्रग अथारिटी की तरफ से उजागर की खामियों को तुरंत दूर करने के आदेश दिए, ताकि ब्लड बैंक का लाइसेंस 14 दिनों के बाद बहाल करवाया जा सके। 11 जनवरी तक बंद सरकारी ब्लड बैंक में रक्त लेने के लिए आने वाले मरीजों की समस्या को देखते हुए सिविल सर्जन डा. ढिल्लो ने रामपुरा फूल स्थित सरकारी ब्लड बैंक और शहर के अजीत रोड पर स्थित गोयल ब्लड बैंक के साथ संपर्क कर मरीजों को इमरजेंसी ब्लड उपलब्ध करवाने का फैसला लिया है। दोनों ब्लड बैंक के अधिकारियों को सिविल अस्पताल बठिडा से रक्त लेने के लिए आने वाले मरीजों को सरकारी रेट पर रक्त उपलब्ध करवाने के आदेश भी सिविल सर्जन ने जारी किए हैं। सिविल सर्जन डा. ढिल्लो ने बताया कि जिन मरीजों को रक्त की जरूरत होगी, वह बठिडा के ब्लड बैंक के अधिकारियों को अपनी डिमांड बता देंगे। इसके बाद सभी ब्लड यूनिट रामपुरा से इश्यू करवाकर दिए जाएंगे। अगर कोई एमरजेंसी केस है और वह रामपुरा नहीं जा सकता तो वह बठिडा के अजीत रोड पर गोयल ब्लड बैंक में जाकर रक्त हासिल कर सकते है।

इस संबंध में ओटी डिपार्टमेंट, जच्चा बच्चा अस्पताल और थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों का उपचार कर रहे डाक्टरों की टीम व एमरजेंसी देख रही डाक्टरों व स्टाफ की टीम को कहा गया कि वह प्रतिदिन अस्पताल में ब्लड हासिल करने वाले मरीजों का अपडेट देंगे व उनके लिए उक्त दोनों अस्पतालों से एडवांस में ही ब्लड मंगवाकर सिविल स्पताल में मरीजों को चढ़ाया जाएगा। वही एमरजेंसी में सिविल अस्पताल की एबुलेंस व टीम इन अस्पतालों से रक्त हासिल कर सकेंगी। इस दौरान उक्त ब्लड बैंकों में इमरजेंसी रक्तदान भी किया जा सकेगा। फिलहाल इन दो ब्लड बैंकों में मरीजों को सरकारी फीस पर ही रक्त उपलब्ध होगा, जबकि दो दिन से मरीजों को प्राइवेट ब्लड बैंकों से 1200 रुपये से 1500 रुपये का भुगतान कर ब्लड लाना पड़ रहा था।

थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को एचआइवी संक्रमित खून चढ़ाने के करीब तीन माह बाद उठे विवाद के बाद पंजाब ड्रग कंट्रोल अथारिटी ने सिविल अस्पताल प्रशासन को नोटिस निकालकर ब्लड बैंक में की गई लापरवाही को लेकर जबाव तलब किया था। संतोषजनक उत्तर न मिलने व कमियों में किसी तरह का सुधार नहीं करने पर सिविल अस्पताल स्थित ब्लड बैक का लाइसेंस 14 दिनों के लिए सस्पेंड कर दिया था। इस समय बठिंडा के ब्लड बैंक में सिर्फ 10-15 ही यूनिट ब्लड ही है।

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प्रतिदिन 35 से ज्यादा यूनिट जारी होता था रक्त

बठिडा में कुल 80 थैलेसीमिया के मरीज हैं। इनमें से 40 मरीज प्राइवेट अस्पतालों से तो बाकी के 40 मरीज बठिंडा के सिविल अस्पताल से इलाज करा रहे हैं। ऐसे में इन 40 मरीजों के अलावा इमरजेंसी वाले केसों के लिए बठिडा के ब्लड बैंक से हर रोज 35 से ज्यादा ब्लड यूनिट जारी किये जाते थे।

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रक्तदानियों के शहर में ब्लड बैंक का लाइसेंस रद

बठिडा को रक्तदानियों का जिला माना जाता है क्योंकि बठिडा की यूनाइटेड वेलफेयर सोसायटी, शहीद जरनैल सिंह वेलफेयर सोसायटी, आसरा वेलफेयर सोसायटी, नौजवान वेलफेयर सोसायटी, साथी वेलफेयर सोसायटी, आस वेलफेयर सोसायटी के अलावा बहुत सी ऐसी संस्थाएं हैं जो रक्तनदान में काम करती हैं।

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मरीजों की समस्या को देखते हुए की व्यवस्था : सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डा. तेजवंत सिंह ढिल्लो ने कहा कि मरीजों की समस्या को देखते हुए यह अस्थायी व्यवस्था की गई है। वहीं ड्रग अथारिटी की तरफ उजागर की गई खामियों को दूर करने के लिए एसएमओ को आदेश दे दिए गए है, ताकि 14 दिन बाद लाइसेंस बहाल हो सके और मरीजों को पहले की तरफ रक्त मिलता रहे।

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