फिर बैरंग लौटे मरीज, आज से परिसर में खुली ओपीडी लगाएंगे डाक्टर

सिविल अस्पताल में डाक्टरों की ओर से शुरू की गई हड़ताल के तीसरे दिन भी मरीजों को बिना इलाज और दवा के लौटना पड़ा।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 14 Jul 2021 09:49 PM (IST) Updated:Wed, 14 Jul 2021 09:49 PM (IST)
फिर बैरंग लौटे मरीज, आज से परिसर  में खुली ओपीडी लगाएंगे डाक्टर
फिर बैरंग लौटे मरीज, आज से परिसर में खुली ओपीडी लगाएंगे डाक्टर

जागरण संवाददाता, बठिडा: छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट में एनपीए में की गई कटौती के विरोध में सिविल अस्पताल में डाक्टरों की ओर से शुरू की गई हड़ताल के तीसरे दिन भी मरीजों को बिना इलाज और दवा के लौटना पड़ा। ओपीडी में मरीज भीषण गर्मी के बीच इसी इंतजार में बैठे रहे कि शायद डाक्टर उनका चेकअप करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इंतजार करते-करते बाद दोपहर सभी अपने-अपने घर लौट गए, जबकि डाक्टर सेहत सेवाएं ठप रख प्रदर्शन में लगे रहे। सिर्फ इमरजेंसी में सेवाएं दी जा रही हैं। डाक्टरों ने मांगें न माने जाने पर उन्हें भी बंद करने की चेतावनी दी है। साथ ही कहा कि 15 से 17 जुलाई तक अस्पताल परिसर में अपनी खुली ओपीडी लगाएंगे। इसके बाद 19 से अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे।

डाक्टरों द्वारा इस समय सिविल अस्पताल की इमरजेंसी के सामने धरना लगाकर प्रदर्शन किया जा रहा है। हड़ताल के कारण अस्पताल में बुधवार को हालात यह रहे कि सारा दिन ओपीडी बंद रही। लोग इलाज करवाने के लिए इधर-उधर भटकते रहे। यहां तक कि हड़ताल के चलते ओपीडी स्लिप काटने वाला काउंटर भी बंद रहा। यहीं नहीं इन दिनों में मौसम में आए बदलाव के चलते वायरल के मरीजों की गिनती काफी बढ़ रही है। मगर उनको इलाज न मिलने के कारण काफी परेशान होना पड़ रहा है। अस्पताल में हर रोज 250 के करीब मरीजों की ओपीडी होती है। अस्पताल में इलाज करवाने के लिए आई बुजुर्ग महिला गुरदेव कौर का कहना है कि वह यहां पर अपनी आंख की दवा लेने के लिए आई थी, लेकिन अस्पताल में कोई भी डाक्टर नहीं मिला। डाक्टर बोले, मांगें मानने के बाद ही खत्म करेंगे संघर्ष डाक्टरों ने कहा कि वह इस बार अपना संघर्ष तब तक खत्म नहीं करेंगे, जब तक सरकार लिखित में उनकी मांगों को नहीं मान लेती व उन्हें लागू नहीं कर देती। इस बार वह किसी भी मंत्री या अधिकारी के झूठे आश्वासन में नहीं आएंगे। डाक्टरों ने कहा कि अस्पतालों में कार्यरत डाक्टर पंजाब के छठे वित्त आयोग की उस सिफारिश का विरोध कर रहे हैं जिसके जरिए गैर-प्रैक्टिस भत्ते को मूल वेतन से असंबद्ध कर दिया गया है। वह भत्ते को 25 प्रतिशत से घटा कर 20 प्रतिशत करने की वेतन आयोग की सिफारिश का भी विरोध कर रहे हैं। पीसीएमएस एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि पंजाब सरकार ने एनपीए कम करके कोरोना काल में जान की परवाह किए बगैर ड्यूटी कर रहे डाक्टरों से अन्याय किया है। कोरोना महामारी में अपनी जान की परवाह किए बिना काम करने वाले कोरोना योद्धाओं को काम के बदले सरकार हमें कोई आर्थिक लाभ देने के बजाय उल्टा हमारे हक पर ही चोट पहुंचाने का काम कर रही है, जो हमें मंजूर नहीं है। सरकार को अपना फैसला बदलना होगा। 19 के बाद अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी डाक्टरों ने कहा कि हड़ताल के बाद भी अगर सरकार ने उनकी मांग पर अमल नहीं किया, तो 15 से 17 जुलाई तक सरकारी ओपीडी का बायकाट करेंगे और अस्पताल के परिसर में अपनी अलग ओपीडी सर्विस शुरू कर देंगे। इसके बाद भी सरकार का रवैया नहीं बदला तो 19 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। इस दौरान ओपीडी सेवाएं ठप रखने के साथ साथ एमएलआर, सैंपलिग, वैक्सीनेशन और कोविड से संबंधित सभी कार्यों को ठप कर दिया जाएगा।

chat bot
आपका साथी