जिले में सिर्फ 691 लोगों का टीकाकरण

सेहत विभाग की तरफ से वीरवार को जिले में महज 691 लोगों का टीकाकरण किया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 15 Jul 2021 10:08 PM (IST) Updated:Thu, 15 Jul 2021 10:08 PM (IST)
जिले में सिर्फ 691 लोगों का टीकाकरण
जिले में सिर्फ 691 लोगों का टीकाकरण

जासं,बठिडा: सेहत विभाग की तरफ से वीरवार को जिले में महज 691 लोगों का टीकाकरण किया गया है। विभाग के पास वैक्सीनेशन का स्टाक खत्म होने के कारण यह समस्या लगातार पिछले चार दिन से आ रही है। लोगों को कैंप से बैरंग लौटाया जा रहा है। हालांकि, वीरवार देर शाम तक सेहत विभाग के पास 6500 डोज कोविडशील्ड पहुंच रही है, लेकिन यह डोज शुक्रवार को ग्रामीण एरिया में लगाए जाने वाले मैगा कैपों में इस्तेमाल की जाएगी।

समाजसेवी संस्थाएं नहीं लगाएंगी वैक्सीनेश कैंप कोरोना के खिलाफ जंग में बढ़ चढ़कर सहयोग दे रहीं समाजसेवी संस्थाएं नाराज हैं। उन्हें समय पर वैक्सीन आने की जानकारी नहीं दी जा रही, जिस कारण उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है। साथ ही वैक्सीन देने में पक्षपात का आरोप लगाते हुए शहर की दो बड़ी संस्थाओं नौजवान वेलफेयर सोसायटी और श्री गणेश वेलफेयर सोयायटी ने अब और कैंप लगाने से इंकार कर दिया है।

नौजवान वेलफेयर सोसायटी बठिडा के प्रधान सोनू महेश्वरी ने बताया कि उनकी संस्था अब तक विभिन्न कैंप लगाकर 4100 से अधिक लोगों का टीककाकरण करवा चुकी है। संस्था आगे भी कैंप लगाना चाहती है, लेकिन सेहत विभाग उन्हें वैक्सीन आने या स्टाफ संबंधी कोई जानकारी नहीं देता। हालांकि सेहत अधिकारियों ने जानकारी देने के लिए एक ग्रुप बना रखा है, लेकिन इस पर कोई अपडेट नहीं दिया जाता। अगर फोन करके वैक्सीन आने की जानकारी मांगते हैं तो एक ही जवाब मिलता है कि वैक्सीन आने पर ग्रुप में जानकारी शेयर कर दी जाएगी। इसके बाद ग्रुप में सीधे कैंपों की लिस्ट फाइनल करके शेयर कर दी जाती है, जिस कारण उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई बार कैंप फाइनल होने के बाद भी वैक्सीन नहीं दी जाती, जिस कारण लोग कैंप से मायूस लौटते हैं और संस्था का नाम खराब होता है। इसलिए अब फैसला किया गया है कि भविष्य में उनकी संस्था कैंप नहीं लगाएगी।

श्री गणेश वेलफेयर सोसायटी के प्रधान आशीष बांसल ने सेहत अधिकारियों पर पक्षपात के आरोप लगाते हुए कहा कि जब संस्थाओं की तरफ से ग्रुप और फोन के माध्यम से वैक्सीन के बारे में पूछा जाता है तो कोई जानकारी नहीं दी जाती। इसके बाद संस्था को जानकारी दिए बिना विशेष कैंप फाइनल कर दिए जाते हैं। ऐसे में अब उनकी संस्था भी भविष्य में कैंप नहीं लगाएगी। इसके बारे में शिकायत उच्च अधिकारियों और पंजाब सरकार को भेजी जाएगी।

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