जिले के तीन अध्यापकों का स्टेट अवार्ड के लिए चयन
पांच सितंबर को अध्यापक दिवस के अवसर पर स्टेट अवार्ड के लिए जिले के तीन अध्यापकों का चय़न हुआ है।
ज्योति बबेरवाल, बठिडा
पांच सितंबर को अध्यापक दिवस के अवसर पर स्टेट अवार्ड के लिए जिले के तीन अध्यापकों का चय़न हुआ है। इनका चयन स्कूलों में दी जा रही बेहतरीन सेवाओं के बदले किया गया है। सरकारी स्कूलों में एसी रूम से लेकर लाइब्रेरी, खेल मैदान जैसी सुविधाएं देने में इन्होंने जी-जान से काम किया। इन शिक्षकों ने इमारत में तबदीली लाकर सरकारी स्कूलों की नई इबारत लिखने का काम किया जिसके चलते लोग अब निजी स्कूलों के मुकाबले सरकारी स्कूलों में बच्चों को दाखिल कर रहे हैं। इन्हें यह सम्मान पांच सितंबर को चंडीगढ़ में दिया जाएगा। सुखपाल सिंह, अध्यापक, प्राइमरी स्कूल नथाना
गांव नथाना प्राइमरी स्कूल में अध्याक सुखपाल सिंह साल 2016 से कार्यरत हैं। स्कूल में ज्वाइन करने के बाद उन्होंने स्कूल के सात कमरों को एसी रूम बनाया। यह इस स्कूल की खास पहचान है। इसके अलावा स्कूल में सभी बच्चों के लिए एजुकेशनल पार्क और लिस्निग लैब बनाई। बच्चे भी मन लगाकर पढ़ते हैं और स्कूल का परिणाम हर साल बेहतर रहता है। ज्यादातर विद्यार्थी पहले दर्जे में पास होते हैं। स्कूल के 21 विद्यार्थी स्काउट व गाइड में नेशनल अवार्ड हासिल कर चुके हैं। सुखपाल सिंह कहते हैं कि अच्छी शिक्षा देना उनका अहम लक्ष्य है। प्रिं. अमनदीप सिंह, सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेलबराह
अमनदीप सिंह की नियुक्त बतौर मास्टर 2008 में हुई थी। उसके बाद इन्होंने सरकारी हाई स्कूल नंदगढ़ मुक्तसर साहिब व सरकारी हाई स्कूल लाल सिंह बस्ती में कार्य किया। बतौर प्रिसिपल इनकी नियुक्ति सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेलबराह में हुई। उन्होंने इस स्कूल को स्मार्ट स्कूल बनाया। पूरी स्कूल का इंफ्रास्ट्रक्चर बदला। यह सभी कार्य उन्होंने लोगों की मदद से किए। वह स्कूल के दर्जा चार कर्मचारियों की मदद भी करते रहते हैं। इसके अलावा स्कूल में मैथ्स पार्क का निर्माण किया। अमनदीप सिंह सेखों का कहना है कि वह बच्चों को कुछ नया करने के लिए उत्साहित करते हैं। निरभय सिंह, सरकारी स्कूल भूंदड़
निरभय सिंह साल 2008 से सरकारी स्कूल भूदंड़ में सेवाएं दे रहे हैं। जब उन्होंने स्कूल को ज्वाइन किया था तो उस समय स्कूल में चहार दीवारी नहीं थी। उन्होंने लोगों के साथ मिलकर सबसे पहले चहार दीवारी बनाई। फिर स्कूल में 11 कमरे बनाए, जिनमें पांच एसी रूम हैं। स्कूल में एजुकेशनल पार्क, लाइब्रेरी, लिस्निग रूम का निर्माण भी किया। साथ ही दूर से आने वाले बच्चों के लिए लोगों की मदद से स्कूल की एक वैन भी चलाई। उन्होंने बताया कि वह छुट्टी वाले दिन भी स्कूल में कार्य करते हैं। उनकी इन सेवाओं को देखते हुए शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार ने उन्हें जिला कोआर्डिनेटर भी बनाया है।