सेहत सेवाएं ठप रख एनएचएम कर्मियों ने सातवें दिन भी रखी हड़ताल
एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल सोमवार को सातवें दिन भी जारी रही।
जासं,बठिडा: एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल सोमवार को सातवें दिन भी जारी रही। कर्मियों ने सिविल अस्पताल के ब्लड बैंक के बाहर रोष धरना देकर नारेबाजी की और सेहत सेवाएं ठप रखीं। एनएचएम कर्मचारियों ने कहा कि जब तक पंजाब सरकार और सेहत विभाग उनकी मांगों को मान नहीं लेती, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।
उन्होंने मांग की कि अन्य राज्यों की तरह उन्हें भी रेगुलर किया जाए। कर्मचारियों ने कहा कि सेहत विभाग में वे पिछले 14-15 वर्षों से अल्प वेतन पर काम कर रहे हैं और वे समय-समय पर सरकार को नियमित करने की मांग करते रहे हैं, लेकिन अभी तक किसी भी सरकार ने इस मांग को पूरा नहीं किया है। नियमित कर्मचारियों के समान सेवाएं और यहां तक कि कोरोना महामारी के दौरान भी 24 घंटे फ्रंटलाइन वर्कर्स के रूप में अपनी जान जोखिम में डालकर विभाग को पूरी ईमानदारी और लगन से सेवाएं दी, लेकिन सरकार कोरोना वारियर्स की मांगों को हर समय अनदेखा किया है। इस मौके जसविदर सिंह, नरिदर कुमार, दविदर कौर, मनप्रीत कौर, सुरिदर कौर, ममता, नीलम के अलावा विभिन्न विभागों में तैनात एनएचएम कर्मचारी शामिल हुए। अस्पताल में डेंगू और कोरोना टेस्ट के लिए भटक रहे मरीज कम्युनिटी हेल्थ सेंटर में तैनात सीएचओ, एएनएम, क्लेरिकल, डाक्टर, मेडिकल, पैरामेडिकल एनएचएम कर्मियों ने मांगों को लेकर कामकाज ठप रखकर सरकारी अस्पताल के ओपीडी के बाहर धरना लगाकर पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। हड़ताल के दौरान सिविल अस्पतालों में टीकाकरण, डेंगू व कोरोना सैंपलिग, बच्चों व गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण, रोजाना की डेंगू रिपोर्ट, कोरोना रिपोर्ट और गांवों में लगाए जाने वाले सेशन प्रभावित रहे।
एनएचएम (नेशनल हेल्थ मिशन) इंप्लाइज एसोसिएशन पंजाब के आह्वान पर ब्लाक के कर्मचारियों ने मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी। इस दौरान एसएमओ कार्यालय के बाहर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई। एनएचएम के नेताओं ने कहा कि यह हड़ताल तब तक जारी रहेगी, जब तक उनकी मांगों को नहीं माना जाता और अब वे पूरी तरह से कामकाज बंद रखेंगे। अमरदीप कौर, पलविदर कौर, अमरजीत कौर, जसप्रीत कौर , सुखप्रीत कौर, केवल कौर, प्रितपाल कौर, गुरजीत कौर, सुखवीर कौर आदि ने कहा कि 10 नवंबर को एनएचएम इंप्लाइज यूनियन पंजाब की स्वास्थ्य मंत्री के साथ बैठक हुई थी, जिसमें यूनियन के नुमाइंदों को विश्वास दिलाया गया था कि यदि सरकार द्वारा एनएचएम कर्मचारियों को एक्ट में शामिल न किया गया तो कैबिनेट बैठक में मुद्दा उठाया जाएगा, कितु इस एक्ट/बिल की कापी मुताबिक स्वास्थ्य विभाग पंजाब के एनएचएम कर्मचारी इस एक्ट के तहत रेगुलर नहीं होंगे। इसके बाद विभाग को पत्र द्वारा भी पूछा गया कि पंजाब सरकार द्वारा एक्ट/बिल 36 हजार कर्मचारियों को रेगुलर करने का ऐलान किया गया है, उसमें एनएचएम कर्मचारियों को शामिल किया गया है या नहीं, कितु इस बारे कोई भी स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया। जिसके चलते समूह कर्मचारी हड़ताल पर जाने को मजबूर हैं। उन्होंने विभाग से अपील की कि स्वास्थ्य विभाग में काम करते समूह एनएचएम कर्मचारियों को रेगुलर किया जाए।