सरकार ने जारी किया मगर डेढ़ माह से नहीं मिल रहा बच्चों को मिड-डे मील

कोरोना महामारी के चलते प्रदेश के सभी सरकारी व प्राइवेट स्कूल बंद हैं। इसके कारण सभी बच्चों को आनलाइन पढ़ाई करवाई जा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 10:02 AM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 10:02 AM (IST)
सरकार ने जारी किया मगर डेढ़ माह से नहीं मिल रहा बच्चों को मिड-डे मील
सरकार ने जारी किया मगर डेढ़ माह से नहीं मिल रहा बच्चों को मिड-डे मील

संस, बठिडा : कोरोना महामारी के चलते प्रदेश के सभी सरकारी व प्राइवेट स्कूल बंद हैं। इसके कारण सभी बच्चों को आनलाइन पढ़ाई करवाई जा रही है। वहीं दूसरी तरफ सरकारी स्कूल के बच्चों को सरकार की तरफ से दिया जाना वाला मिड-डे मील भी विभाग की तरफ से बच्चों को नहीं दिया जा रहा है। जबकि पिछले साल कोरोना महामारी के दौरान सरकार ने शिक्षा विभाग को आदेश दिए थे कि वो बच्चों को मिलने वाला मिड-डे मील का सामान उनके घरों में पहुंचाएंगे, ताकि वह खा सके, लेकिन दूसरी लहर में ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा है। बच्चों को मिलने वाला मिड-डे मील करीब डेढ़ महीना बीत जाने के बाद भी नहीं दिया जा रहा। पिछले वर्ष तो शिक्षा विभाग ने अध्यापकों की ड्यूटी बच्चों को घर मिड-डे मील बांटने की लगा दी थी। इस बार ऐसा कुछ नहीं हो पा रहा। हालांकि शिक्षा विभाग द्वारा मिड-डे मील पहुंचाया जा चुका है। जबकि खाना पकाने में आने वाला खर्च के रूप में कुकिग कास्ट भी आ चुकी है। बच्चों को तीन महीने यानी अप्रैल, मई व जून महीने का मिड डे मील का कच्चा राशन व कुकिग कास्ट बांटने संबंधी शिक्षा विभाग योजना बनाई जा रही थी। लेकिन अप्रैल महीना तो निकल गया है। वहीं आधा मई महीना भी बीत गया है, लेकिन सरकार द्वारा वर्करों को गाइडलाइंस नहीं जारी की गई। वहीं अध्यापकों का भी कहना है कि पिछले वर्ष हमें गाइडलाइंस जारी की गई थी, लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं जारी नहीं किया गया। जिला बठिडा में प्राइमरी व अपर प्राइमरी 686 स्कूलों की आठवीं तक के 90 हजार 332 बच्चों को निर्धारित अनुपात में राशन दिया जाना है। प्राइमरी के 54652 जबकि अपर प्राइमरी के 35860 बच्चे हैं। प्राइमरी के बच्चों के लिए 1130 क्विटल गेहूं और 1130 क्विटल चावल जबकि इतनी ही मात्रा में अपर प्राइमरी स्कूल के बच्चों के लिए कच्चा राशन की सप्लाई हो चुकी है।

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बांटने की नहीं बनाई प्लानिग

राशन बांटने की कोई भी प्लानिग शिक्षा विभाग द्वारा बनाई नहीं गई। पिछले वर्ष जब राशन आया था, तो उसे बांटने के लिए अध्यापकों को लगाया गया था, इस बार ऐसा कुछ नहीं किया गया। इस बात को लेकर अध्यापकों को समझ में नहीं आ रहा है, कि कच्चा राशन व कुकिग कॉस्ट बच्चों को उनके घर पर जाकर दिया जाएगा या बच्चों को स्कूल में बुलाकर सोशल डिस्टेंसिग को पालन करते हुए बांटा जाएगा, इसके बारे में अभी कोई गाइडलाइंस नहीं आई है।

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सभी सरकारी प्राइमरी स्कूलों में राशन पहुंच चुका है लेकिन अभी तक शिक्षा विभाग द्वारा राशन बांटने के आदेश जारी नहीं किए गए हैं जैसे ही आदेश दिए जाएंगे स्कूलों में बच्चों को बुलाकर राशन बांट दिया जाएगा।

-बलजीत सिंह संदोहा, उप जिला शिक्षा अधिकारी।

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