घर के साथ समाज की जिम्मेदारी भी संभाल रहीं मेयर रमन गोयल

आज नवरात्र का छठा दिन है। यह नवरात्र मां कात्यायनी का है। मां का यह स्वरूप निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करने वाला है चाहे वह निर्णय किसी भी स्थिति-परिस्थिति व काल से संबद्ध हो।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 11 Oct 2021 03:28 AM (IST) Updated:Mon, 11 Oct 2021 03:28 AM (IST)
घर के साथ समाज की जिम्मेदारी भी संभाल रहीं मेयर रमन गोयल
घर के साथ समाज की जिम्मेदारी भी संभाल रहीं मेयर रमन गोयल

ज्योति बबेरवाल, बठिडा : आज नवरात्र का छठा दिन है। यह नवरात्र मां कात्यायनी का है। मां का यह स्वरूप निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करने वाला है, चाहे वह निर्णय किसी भी स्थिति-परिस्थिति व काल से संबद्ध हो। सही, सटीक व त्वरित निर्णय कर पाने की क्षमता ने आज की स्त्री को एक नए स्वरूप में प्रस्तुत किया है। ऐसा ही निर्णय बठिडा की मेयर रमन गोयल भी करती है। धार्मिक विचारों व एक घरेलू घर से संबंध रखने वाली रमन गोयल ने बठिडा शहर की पहली महिला मेयर बनकर यह साबित कर दिया है कि महिला केवल घर या परिवार ही नहीं संभाल सकती। जरूरत पड़ने पर वह हर काम कर सकती है। मेयर बनने के बाद रमन गोयल शहर के विकास कार्यों की बागडोर के साथ-साथ अपने पूरे परिवार को भी संभाल रही हैं। मेयर रमन गोयल कहती हैं कि वैसे तो आज के युग में महिला किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है। हर क्षेत्र में महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। समाज में अपनी प्रस्तुति दिखा रही हैं। वहीं घर चलाने वाली महिला भी शहर की भागदौड़ भी संभाल सकती है। रमन गोयल ने अपने घर परिवार ही नहीं बल्कि अपने समाज में भी अलग पहचान बनाई है। मेयर ने पहले अपने परिवार की देखभाल की, अपने बच्चे व परिवार को संभाला। इनका एक बेटा सीए भी बन चुका है। रमन गोयल सोशल होने के साथ साथ धार्मिक महिला भी हैं। वह कहती है कि हमारे जीवन में कुछ भी अच्छा हो या बुरा ईश्वर को याद करना नहीं छोड़ना चाहिए। उन्होंने बताया कि उनके मेयर बनने के बाद उनके पति उनके बच्चों ने उनका पूरा साथ दिया है, इसलिए वह अंदर व बाहर दोनों जगहों पर अच्छे के कार्य कर पा रही हैं। महिलाओं को आगे आने का मौका देना चाहिए

रमन गोयल ने अपनी परिस्थितियों के अनुसार निर्णय भी लिए हैं। जैसे ही नगर निगम के पद पर आई हैं। इसके बाद जिले में काफी कार्य करवाए हैं। उनका मानना है कि महिलाएं जीवन में आगे बढ़कर सबकुछ कर सकती हैं। घरेलू महिलाओं में कुछ न कुछ टैलेंट जरूर होता है। अगर महिलाएं आगे आकर समाज में कार्य करें तो बहुत आगे तक जा सकती हैं। वहीं परिवार को भी चाहिए कि वो आगे आकर महिला कुछ करने का मौका देना चाहिए।

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