आप की 30 हजार वोट खिसकीं, कांग्रेस को मिला फायदा

बठिडा में हुए निकाय चुनाव में कांग्रेस का वोट प्रतिशत सबसे बेहतर रहा है जबकि दूसरे स्थान पर शिअद रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 18 Feb 2021 09:40 PM (IST) Updated:Thu, 18 Feb 2021 09:40 PM (IST)
आप की 30 हजार वोट खिसकीं, कांग्रेस को मिला फायदा
आप की 30 हजार वोट खिसकीं, कांग्रेस को मिला फायदा

गुरप्रेम लहरी बठिडा

बठिडा में हुए निकाय चुनाव में कांग्रेस का वोट प्रतिशत सबसे बेहतर रहा है, जबकि दूसरे स्थान पर शिअद रहा है। आम आदमी पार्टी तीसरे व भाजपा चौथे स्थान पर रही है। कांग्रेस को सबसे ज्यादा 46.81 फीसद वोट मिले, जबकि शिअद को कांग्रेस से आधे 23.15 फीसद वोट मिले हैं। इसी प्रकार आम आदमी पार्टी को 13.12 फीसद वोट मिले हैं तो भारतीय जनता पार्टी को सिर्फ 4.20 फीसद वोट मिले हैं। बहुजन समाज पार्टी को 0.49 फीसद तो सीपीआई को 0.05 फीसद वोट मिले हैं। वहीं आजाद उम्मीदवारों को 11.04 फीसद वोट मिले हैं। नोटा का बटन 1.10 फीसद लोगों ने दबाया है।

इस चुनाव में शिअद का भी बहुत नुकसान हुआ है। शिअद बठिडा के 50 वार्डों में सिर्फ पांच पर ही जीत दर्ज करा पाया है, लेकिन भाजपा व आम आदमी पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली। वहीं वोट प्रतिशत में सबसे ज्यादा नुकसान आम आदमी पार्टी का हुआ है। अगर विधानसभा चुनाव के साथ आंकड़ों का मूल्यांकन करें तो आप को 30 हजार वोटें कम मिली हैं। कहीं न कहीं इसका फायदा कांग्रेस को भी हुआ है।

गठबंधन टूटने पर शिअद नहीं घटा शिअद का वोट बैंक विधानसभा चुनाव के आंकड़ों के मुताबिक निकाय चुनाव में अकाली दल व कांग्रेस को लगभग उतनी ही वोटें मिली हैं, जितनी विधानसभा चुनाव में मिली थीं। उस समय शिअद व भाजपा का गठबंधन था। ऐसे में इन दोनों के वोट मिलाकर विधानसभा चुनाव जितनी वोटें लगभग मिल गई हैं, जबकि भाजपा को 30 हजार वोटें कम मिली हैं।

हमने पहली बार निकाय चुनाव लड़ा है। भले ही हमारा कोई भी उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत पाया, लेकिन 13 फीसद वोट मिलना भी हमारी प्राप्ति है। इससे एक बात साबित होती है कि बठिडा के लोग आम आदमी पार्टी के साथ खड़े हुए हैं।

- नील गर्ग, प्रदेश प्रवक्ता, आम आदमी पार्टी हालांकि निकाय चुनाव के रिजल्ट शिअद के लिए निराशाजनक रहे हैं लेकिन एक बात स्पष्ट हो गई कि भाजपा को नकार कर शहरी लोग शिअद के साथ खड़े हैं। कांग्रेस के बाद शिअद ही दूसरे स्थान पर आया है, जबकि भाजपा को महज चार फीसद ही वोट मिले हैं।

- सरूप चंद सिगला, पूर्व शिअद विधायक इस चुनाव में शहरदारी, उम्मीदवार का मिलवर्तन आदि देखा जाता है। हमें उम्मीदवार मजबूत नहीं मिले। इस कारण नतीजा निराशाजनक आया है। पहली बार हम अपने दम पर चुनाव लड़े हैं। थोड़ा समय लगेगा। आने समय चुनावों में नतीजा हैरानीजनक होगा।

- विनोद बिटा, जिला प्रधान, भाजपा

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