सीआइए के पूर्व इंचार्ज और एएसआइ के खिलाफ एलओसी जारी

एसटीएफ की ओर से नामजद किए गए सीआइए वन के पूर्व इंचार्ज इंस्पेक्टर राजिंदर कुमार तथा एएसआइ जरनैल सिंह पिछले डेढ़ महीने से फरार चल रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 26 Nov 2021 01:18 AM (IST) Updated:Fri, 26 Nov 2021 01:18 AM (IST)
सीआइए के पूर्व इंचार्ज और एएसआइ के खिलाफ एलओसी जारी
सीआइए के पूर्व इंचार्ज और एएसआइ के खिलाफ एलओसी जारी

जासं, बठिंडा: रिश्वत लेकर नशा तस्करों को छोड़ने आरोप में एसटीएफ की ओर से नामजद किए गए सीआइए वन के पूर्व इंचार्ज इंस्पेक्टर राजिंदर कुमार तथा एएसआइ जरनैल सिंह पिछले डेढ़ महीने से फरार चल रहे हैं। एसटीएफ ने अब उनके खिलाफ लुक आउट सुर्कलर (एलओसी) जारी कर दिया है। एसटीएफ के एआइजी हरप्रीत सिंह ने बताया कि जल्द ही इन दोनों आरोपित पुलिस मुलाजिमों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

बता दें कि दो दिन पहले ही दोनों मुलाजिमों की जायदाद के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए एसटीएफ ने बठिंडा, रामपुरा तथा तलवंडी साबो के तहसीलदार को पत्र लिखा था। बीती 22 नवंबर को डीएसपी एसटीएफ बठिंडा रेंज ने बठिंडा रामपुरा तथा तलवंडी साबो के तहसीलदार को पत्र लिखा है, जिसमें लिखा गया है कि इंस्पेक्टर रजिंदर कुमार और एएसआइ जरनैल सिंह के खिलाफ एसटीएफ थाना मोहाली में 14 अक्टूबर 2021 को भ्रष्टाचार एक्ट तथा नशा तस्करों को पैसे लेकर छोड़ने के आरोप में केस दर्ज किया गया था। दोनों पुलिस अधिकारियों के बारे में उन्हें पूरी जानकारी चाहिए। इंस्पेक्टर रजिंदर कुमार की बठिंडा अदालत में जमानत याचिका भी खारिज हो चुकी है तथा दोनों अधिकारी अभी सस्पेंड चल रहे हैं। ट्रासपोर्ट विभाग के खिलाफ हाई कोर्ट में रिट दायर शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल की डबवाली ट्रासपोर्ट कंपनी ने ट्रासपोर्ट विभाग के खिलाफ हाईकोर्ट में रिट दायर की है। आरोप है कि टाइम टेबल बनाने में नियमों की अव्हेलना की गई है।

ट्रासपोर्ट कंपनी ने हाईकोर्ट में रिट दायर कर आरोप लगाए हैं कि नियमों के अनुसार टाइम टेबल बनाते समय जरूरी होता है कि सर्टिफिकेट पर रूट के परमिट नंबर के साथ-साथ बस का नंबर लिखा जाए। मगर टाइम टेबल में संबंधित बसों का नंबर नहीं डाला गया। इसके अलावा हाई कोर्ट का भी आदेश है कि जो बस आपरेटर कंपनी अपना बनता टैक्स नहीं भर्ती, उसका नाम टाइम टेबल में न रखा जाए। मगर यहा इन आदेशों का भी उल्लंघन हुआ है, क्योंकि बहुत सारी ऐसी बसें हैं, जिनकी तरफ टैक्स के करोड़ों रुपये बकाया हैं। इनमें सबसे बड़ी बस कंपनी पीआरटीसी है, जिसकी तरफ टैक्स के करीब 290 करोड़ बकाया हैं।

इसकी पुष्टि करते हुए कंपनी के मैनेजर तेजिंदर सिंह माशा ने बताया कि हाई कोर्ट ने रिट दर्ज कर सुनवाई के लिए अगली तारीख 10 दिसंबर तय की है, जिसमें ट्रासपोर्ट विभाग के प्रिंसिपल सचिव व आरटीए बठिंडा को नोटिस भेजा गया है। दूसरी तरफ आरटीए सचिव बठिंडा बलविंदर सिंह ने बताया कि पहले नियमों की जानकारी कम थी। पता लगने के बाद बनाए गए टाइम टेबल रद कर दिए गए हैं। अब नए टाइम टेबल बनाने के संबंध में कानून का ख्याल रखा जाएगा।

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