मालवा क्षेत्र में होती है सड़क हादसों में सबसे ज्यादा मौतें: डा. सोई

पंजाब में सड़क हादसों में होने वाली मौतें 50 फीसद अकेले मालवा में होती हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 10:09 PM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 10:09 PM (IST)
मालवा क्षेत्र में होती है सड़क हादसों में सबसे ज्यादा मौतें: डा. सोई
मालवा क्षेत्र में होती है सड़क हादसों में सबसे ज्यादा मौतें: डा. सोई

जागरण संवाददाता बठिडा: पंजाब में सड़क हादसों में होने वाली मौतें 50 फीसद अकेले मालवा में होती हैं। प्रदेश में अब तक मुख्यमंत्री मालवा से ही बनते रहे हैं, लेकिन हैरानी की बात है कि किसी भी मुख्यमंत्री ने अपने मालवा में सड़क हादसों व इन हादसों से होने वाली मौतों को कभी गंभीरता से नहीं लिया। इन बातों का प्रगटावा एनजीओ राहत द सेफ कम्युनिटी फाउंडेशन के चैयरमेन और ग्लोबल सोसाइटी आफ सेफ्टी प्रोफेशनल्स के अध्यक्ष डा. कमलजीत सोई (सदस्य राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिषद, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार) ने किया। वह वीरवार को बठिडा में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने बठिडा में मिशन सेफ मालवा की शुरुआत की। मिशन सेफ मालवा का उद्देश्य इस क्षेत्र में नशीले पदार्थों की तस्करी और इसमें इस्तेमाल हो रहे नकली नंबरों वाले वाहनों पर ध्यान केंद्रित करना है।

डा.कमलजीत सोई ने कहा कि मालवा के कई प्रमुख इलाके जैसे बठिडा, फरीदकोट, फिरोजपुर, फाजिल्का, लुधियाना, संगरूर, श्री मुक्तसर साहिब आदि को केंद्र सरकार की राष्ट्रीय कार्य योजना नशा मुक्त भारत ने भी नशीली दवाओं के दुरुपयोग के लिए बुरी तरह से प्रभावित क्षेत्रों के रूप के लिए पहचाना है। मालवा के इलाके में यातायात की स्थिति के बारे में डा. कमलजीत सोई ने कहा कि यहां ट्रैफिक कई उल्लंघनों से प्रभावित है। उन्होंने इस इलाके के कुछ विशेष ट्रैफिक स्पाट के मुद्दों पर भी प्रकाश डाला जहां बार-बार दुर्घटनाएं होती हैं और परिणामस्वरूप लोग सड़क दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से घायल होते हैं। डा.सोई ने विशेष रूप से मालवा बेल्ट में बढ़ती नशीली दवाओं की तस्करी को रोकने के लिए हाई सिक्यूरिटी नंबर प्लेटों (एचएसआरपी) के सख्त कार्यान्वयन पर जोर दिया। क्योंकि नशीली दवाओं के व्यापार में शामिल वाहनों पर नकली नंबर प्लेट का उपयोग किया जाता है। राज्य में बिना एचएसआरपपी के चल रहे 20 लाख से ज्यादा वाहन

एचएसआरपी को व्यापक रूप से नशीले पदार्थों की तस्करी के मुद्दे के साथ संरेखित करने पर डा. कमलजीत सोई ने कहा कि एचएसआरपी योजना पंजाब सरकार द्वारा वर्ष 2012 में शुरू की गई थी, लेकिन वर्षों तक इस दिशा में कुछ खास नहीं हुआ। आज भी लगभग 20 लाख वाहन पंजाब की सड़कों पर बगैर एचएसआरपी के चल रहे हैं, जोकि राज्य में आपराधिक गतिविधियों में नए और खतरनाक आयाम जोड़ रहे हैं। उन्होंने राज्य परिवहन विभाग से इस योजना को लागू करने के लिए अपने अधिकारियों को तुरंत आवश्यक निर्देश जारी करने का भी आह्वान किया।

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