चुनाव में भी की गई मेरी हत्या की कोशिश, मैं फिर भी जीत गया: जगरूप गिल
नगर निगम के चुनाव के समय भी मेरी भ्रूण हत्या करने की कोशिश की गई लेकिन मैं फिर भी जीत गया।
जागरण संवाददाता बठिडा: नगर निगम के चुनाव के समय भी मेरी भ्रूण हत्या करने की कोशिश की गई, लेकिन मैं फिर भी जीत गया। मुझे हराने के लिए उस समय पूरा जोर लगाया गया था। अब मेयर का चुनाव पार्षदों के हाथ खड़े करवाकर कर दिया गया, जबकि बैलेट से चुनाव किया जाना चाहिए था। इन शब्दों का प्रगटावा मेयर के दावेदार जगरूप सिंह गिल ने किया। वह मेयर का चुनाव होने के बाद मीटिग हाल से बाहर आकर पत्रकारों से बात कर रहे थे।
जगरूप गिल ने आरोप लगाए कि पहले सुरिदर कपूर, चिरंजी लाल गर्ग व सुरिदर सिगला द्वारा उनका सियासी कत्ल करने की कोशिश की गई लेकिन वह फिर भी जीवित रहे। उन्होंने आगे कहा कि स्थानीय मंत्री ने देखना होता है कि किसने काम किए हैं, कौन सीनियर है? वह तो उस समय कांग्रेस के विरोधीपक्ष के नेता थे। जब कोई कांग्रेस की टिकट पर लड़ने को तैयार नहीं था तो वह उस समय भी साढ़े सात सौ वोटों के अंतर से जीते थे। लोगों के हित में उनकी आवाज हमेशा ही बुलंद होती रहेगी। अगर वह पार्टी में रहे तो कांग्रेस की 2022 में भी मदद करेंगे। मनप्रीत बादल और चरनजीत चन्नी को ठेका मुलाजिमों ने दिखाई काली झंडियां बठिडा के नगर निगम के मेयर का एलान करने पहुंचे वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल व कैबिनेट मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी को ठेका मुलाजिमों के विरोध का सामना करना पड़ा। ठेका मुलाजिम संघर्ष मोर्चा के सदस्यों ने उनके खिलसाफ नारेबाजी करते हुए उन्हें काली झंडियां दिखाई।
दरअसल, मनप्रीत और चन्नी जब कार्यक्रम के बाद वापस जाने लगे तो मुलाजिमों ने पहले मिनी सचिवालय के गेट पर उनको काले झंडे दिखाए। इसके बाद मनप्रीत बादल खुद गाड़ी चलाते हुए दूसरे दरवाजे से निकल गए। इस बात का पता लगने पर मुलाजिमों ने उनके पीछे भागने का प्रयास भी किया, लेकिन उनके पहुंचने से पहले वह निकल गए तो मुलाजिमों ने वहीं पर बैठकर धरना लगा दिया। इस दौरान वरिदर सिंह ने बताया कि पंजाब सरकार ने चुनावों से पहले किए किसी भी वादे को पूरा नहीं किया। हर बार सरकार की ओर से उनको भरोसा ही दिया जाता है। इस कारण अब उनके द्वारा प्रदर्शन किया गया तो वह मुलाजिमों से बातचीत करने से पहले ही निकल गए।