इंसान में खत्म हो रही है सहनशक्ति, 26 दिनों में 11 लोगों ने की खुदकुशी

बदलती जीवनशैली के कारण लोगों में सहनशक्ति में भी अत्याधिक कमी देखी जा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 10:21 AM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 10:21 AM (IST)
इंसान में खत्म हो रही है सहनशक्ति, 26 दिनों में 11 लोगों ने की खुदकुशी
इंसान में खत्म हो रही है सहनशक्ति, 26 दिनों में 11 लोगों ने की खुदकुशी

नितिन सिगला, बठिडा : बदलती जीवनशैली के कारण लोगों में सहनशक्ति में भी अत्याधिक कमी देखी जा रही है। वर्तमान समय में लगभग सभी ओर प्रतिस्पर्धा हावी हो चुकी है। पढ़ाई, करियर और पारिवारिक जिम्मेदारियां व घरेलू झगड़े कुछ ऐसे महत्वपूर्ण कारक हैं, जोकि व्यक्ति को आत्महत्या करने के लिए मजबूर कर देते हैं। अगर वे आत्महत्या जैसा बड़ा कदम उठाते हैं या कोशिश भी करते हैं तो इसके पीछे उनकी कोई बहुत बड़ी विवशता होती है। ज्यादातर मामले में खुदकुशी करने का कारण घरेलू झगड़ा या बेरोजगारी सामने आई है। बठिडा जिले की बात करें तो सितंबर माह के 26 दिनों में 11 से ज्यादा खुदकुशी करने के मामले सामने आ चुके हैं। इनमें ज्यादातर मामलों में घरेलू झगड़ा इसका मुख्य कारण बना है। वहीं एक मामले में आइलेट्स में नंबर कम आने पर 25 साल के युवक ने फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली थी, जबकि 50 वर्षीय व्यक्ति ने अपनी मां की मौत के अगले ही दिन फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली थी।

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अगस्त व सितंबर माह में खुदकुशी के मामले

-- 30 अगस्त को प्रेमिका के परिजनों द्वारा की गई पिटाई से परेशान होकर बठिडा के गांव गुरुसर जग्गा के 25 वर्षीय युवक ने घर में पड़ी जहरीली चीज निगल ली थी,जिसकी बीती 10 सितंबर को इलाज के दौरान मौत हो गई।

-31 अगस्त को बठिडा के गांव फूला सिंह वाला अबलू के रहने वाले 28 वर्षीय चिरागदीन सिंह ने अपनी पत्नी कुलदीप कौर के लड़ाई झगड़ों से परेशान होकर अपनी लाइसेंसी बंदकू से गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी।

--एक सितंबर को गांव बालियांवाली निवासी 36 वर्षीय बलराज सिंह ने अपने भाई के साथ चल रहे जमीनी विवाद के चलते खेतों में जाकर जहरीली चीज निगल ली थी, जिसकी सात सितंबर को इलाज के दौरान मौत हो गई थी।

-दो सितंबर को मानसा जिले के गांव दलीयेवाला में 30 वर्षीय प्रदीप सिंह ने अपने ससुरालियों से परेशान होकर जहरीली चीज निगलकर खुदकुशी कर ली थी।

-पांच सितंबर को गांव नरुआणा के रहने वाले 25 वर्षीय युवक आकाशदीप सिंह ने फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली थी, चूंकि वह विदेश जाने का चाहवान था, जिसके आइलेट्स में बैंड कम आए तो उसने यह कदम उठाया।

-12 सितंबर को शहर के माडल टाउन फेस-1 में रहने वाले 54 वर्षीय सुनील शर्मा ने अपनी मां की मौत के अगले ही दिन घर पर फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली थी।

-14 सितंबर को रामपुरा वासी 35 वर्षीय प्रेम सिंह ने अपनी पत्नी के साथ चल रहे घरेलू झगड़े से परेशान होकर घर में पंखे से फंदा लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।

-14 सितंबर को जैतो मंडी वासी योगेश कुमार ने अपनी पत्नी के साथ चल रहे घरेलू झगड़े से परेशान होकर अपने ससुराल गांव पक्का कलां में पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी।

-25 सितंबर को गांव मलूका में 33 साल की मलकीत कौर ने अपने पति के अवैध संबंधों से परेशान होकर आग लगाकर खुदकुशी कर ली।

--25 सितंबर को गांव रामा में 32 वर्षीय व्यक्ति ने अपनी पत्नी के अवैध संबंधों से परेशान होकर खुदकुशी कर ली थी।

24 सितंबर को गांव पित्थो में खेत मजदूर बलौर सिंह ने ने फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली थी। आत्महत्या मनोवैज्ञानिक के साथ-साथ जेनेटिक समस्या : गुप्ता

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गुप्ता अस्पताल के मनोरोग विशेषज्ञ डा. सुनील गुप्ता का कहना है कि आत्महत्या मनोवैज्ञानिक के साथ-साथ जेनेटिक समस्या भी है। कुछ युवा करियर या पढ़ाई के दबाव में आत्महत्या करने का निर्णय लेते हैं वहीं कुछ प्रेम संबंधों या विवाह जैसे निजी कारणों से परेशान होकर यह राह अपनाते हैं। इससे यह साफ जाहिर होता है कि सार्वजनिक तौर पर आत्महत्या का कोई कारण लागू नहीं किया जा सकता। यह पूर्णत: लोगों के स्वभाव और उनकी प्राथमिकताओं पर ही निर्भर है जब व्यक्ति परेशानियों से घिरने लगता है तो अपरिपक्वता के कारण वह आत्महत्या को ही एक बेहतर विकल्प समझने लगता है।

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