सेहत मुलाजिमों ने एनएचएम कर्मियों के हक में की रोष रैली
तालमेल कमेटी पैरामेडिकल और सेहत कर्मचारी बठिडा की तरफ से बुधवार को एनएचएम कर्मियों के हक में जिला स्तरीय रोष प्रदर्शन सिविल सर्जन दफ्तर बठिडा के सामने किया गया।
जासं,बठिडा: तालमेल कमेटी पैरामेडिकल और सेहत कर्मचारी बठिडा की तरफ से बुधवार को एनएचएम कर्मियों के हक में जिला स्तरीय रोष प्रदर्शन सिविल सर्जन दफ्तर बठिडा के सामने किया गया।
जिला प्रधान गगनदीप सिंह ने बताया कि एनएचएम कर्मी की तरफ से कोविड-19 के दौरान अहम भूमिका निभाई थी, लेकिन जब इन कर्मियों की तरफ से उन्हें रेगुलर करने की मांग पंजाब सरकार के समक्ष रखी गई, तो सरकार की तरफ से इनकी मांगों को मानने तो दूर उनकी बात तक नहीं सुनी जा रही है। सेहत विभाग के अधिकारियों ने इन कर्मियों द्वारा किए गए काम के बलबूते पर ही सरकार से शाबाशी हासिल की है। आज जब इन कर्मियों की मांगों के मसले को हल करने की बारी आई, तो डायरेक्टर सेहत सेवाएं एनएचएम कर्मियों के विरोध में भुगत रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने एनएचएम कर्मियों को रेगुलर नहीं करती और आउटसोर्स कर्मियों को विभाग में शामिल नहीं करती तालमेल कमेटी व सेहत कर्मचारी पंजाब द्वारा अपना संघर्ष ओर तेज किसा जाएगा। इस प्रदर्शन में जगदीप सिंह विर्क, जसविदर शर्मा, भूपिदर कौर, हाकम सिंह, कुलविदर सिंह, हरजीत सिंह, मनप्रीत सिंह, इकबाल सिंह, जगरूप सिंह, रंजीत सिंह, नरिदर कुमार, नीलम, सुरिदर कौर, जगदीश सिंह, मलकीत सिंह, गुरमीत सिंह, जतिदर सिंह, परमजीत कौर, सुरिदर कौर, कुलदीप कौर, गगनदीप सिंह आदि उपस्थित थे। सातवां पे कमीशन लागू करने की मांग को लेकर दिया धरना पंजाब फेडरेशन आफ यूनिवर्सिटी एंड कालेज टीचर्स आर्गनाइजेशन व पंजाब, चंडीगढ़ कालेज टीचर्स यूनियन के आदेशों पर डीएवी कालेज के बाहर स्पोर्ट्स, सभ्याचार की गतिविधिया बंद कर कालेज के बाहर धरना लगाया गया।
इस दौरान कालेज के प्रोफेसरों ने मांग कि सातवां पे कमीशन सभी राज्यों में लागू किया जा चुका है। इसे हमारे राज्य में भी लागू किया जाए। यूजीसी स्केल की डी लिकिग बंद की जाए। 1925 अध्यापकों को रेगुलर किया जाए। अध्यापक पिछले छह महीनों से अपनी मांगें सरकार के आगे रख रहे हैं, लेकिन उन्होंने नहीं सुना जा रहा। अंत में अध्यापक शिक्षा बंद करने के लिए मजबूर हो गए हैं। यह धरना तब तक जारी रहेगा, जबतक पंजाब सरकार कालेज अध्यापकों प्रति अपना रवैया नहीं अपनाती।