कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने को सेहत विभाग पूरी तरह तैयार: डा. मुनीष गुप्ता

ग्रामीण एरिया में लोगों को सेहत सुविधाएं देने वाले रूरल मेडिकल आफिसर (आरएमओ) कोरोना की पहली और दूसरी लहर में अपनी सेवाएं देने से पीछे नहीं हटे।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 05:48 AM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 05:48 AM (IST)
कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने को सेहत विभाग पूरी तरह तैयार: डा. मुनीष गुप्ता
कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने को सेहत विभाग पूरी तरह तैयार: डा. मुनीष गुप्ता

नितिन सिगला,बठिडा

ग्रामीण एरिया में लोगों को सेहत सुविधाएं देने वाले रूरल मेडिकल आफिसर (आरएमओ) कोरोना की पहली और दूसरी लहर में अपनी सेवाएं देने से पीछे नहीं हटे। पूरी तनदेही से अपनी ड्यूटी निभाई। बठिडा जिले के 44 आरएमओ जिले के अन्य सरकारी डाक्टरों के साथ कंधे से कंधा मिलकर अपनी सेवाएं देते रहे। रूरल मेडिकल आफिसर के जिला नोडल अधिकारी डा. मनीष गुप्ता बताते हैं कि अब कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए भी पूरी तैयारी कर ली गई है। दूसरी लहर में सामने आई सभी कमियों को पूरा कर लिया गया है। आरएमओ ग्रामीण इलाके के लोगों को वैक्सीनेशन के प्रति जागरूक कर रहे हैं। पेश है उनसे खास बातचीत के कुछ अंश.. सवाल- तीसरी लहर से निपटने के लिए सेहत विभाग की क्या तैयारियां हैं?

- जिले में संभावित कोरोना की तीसरी लहर को लेकर भी जिला सेहत विभाग की तरफ से पुख्ता तैयारी कर ली गई है। इसमें वर्तमान में लेबल-2 में बालिग व बाल चिकित्सा से संबंधित 180 बिस्तरों की व्यवस्था जिले के सरकारी अस्पतालों में पहले से थी, जोकि इस बार बढ़ा कर 363 कर दी गई है। यह सभी बेड लेवल-2 के होंगे। वहीं इस बार लेवल तीन के बैड का प्रबंध भी सरकारी अस्पताल में किया जा रहा है, जिसमें एमरजेंसी में प्रभावित बच्चों को दाखिल कर उपचार शुरू किया जा सकता है। इसमें 313 बिस्तर बालिगों व 50 बच्चों के लिए रिजर्व रहेंगे। इसी तरह लेबल तीन के लिए भी 12 बिस्तरों की व्यवस्था जिला सिविल अस्पताल में की गई है। सवाल- किन-किन अस्पतालों में बेडों की व्यवस्था की गई है?

- सेहत विभाग के जिला अस्पताल, एसडीएच घुद्दा, डीडीआरसी सेंटर, एसडीएच तलवंडी साबों, सीएचसी गोनियाना, रिफाइनरी अस्पताल, एडवांस केंसर इस्टीच्यूट, पीएचसी लहरा मुहब्बत, पीएचसी बलुआना व पीएचसी दियालपुरा मिर्जा अस्पताल शामिल है। वही सरकारी चिकित्सा सेंटरों के अलावा जिले भर में 55 प्राइवेट अस्पतालों में भी लेबल-2 व लेबल-3 क बिस्तर तैयार करवाए गए है। इसमें लेबल-2 के 1120 व लेबल-3 के 286 बिस्तर तैयार रखने के लिए कहा गया है। इसमें एम्स बठिडा में लेबर-2 के 45 व लेबल-3 के 25 बिस्तरों की व्यवस्था की जा चुकी है। सवाल- जिले में कितना आक्सीजन प्लांट लग चुके हैं?

- कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर जिले में छह आक्सीजन प्लांट स्थापित कर दिए गए है। इनमें सिविल अस्पताल बठिडा, सीएचसी घुद्दा, गोनियाना, तलवंडी साबो, एडवांस कैंसर अस्पताल में लगाए गए हैं, जिनकी कैपेसिटी 2250 लीटर प्रति मिनट होगी। इसके अलावा एम्स अस्पताल बठिडा में 1000 लीटर प्रति मिनट का आक्सीजन प्लाट स्थापित किया गया है। यह सभी प्लांट से हवा से आक्सीजन तैयार करेंगे। इसके साथ 200 से ज्यादा बी एंड डी टाइप के सिलेंडर स्टाक कर लिए गए हैं। सवाल- बेहतर सेवाओं और हेल्थ सेटरों की सुविधाओं में सुधार कैसे कर रहे हैं?

- बेहतर सेवाओं के लिए सरकार से एक ही मांग है कि आरएमओ पर भी पंजाब सिविल मेडिकल सर्विस रूल लागू करने चाहिए और उनके अनुसार उन्हें वेतन व अन्य भत्ते मिलने चाहिए। आरएमओ को 10 साल से अधिक समय हो चुका है पक्का किए गए, लेकिन अब तक चार और नौ डीएसीपी नहीं लागू किया गया है, जिसके कारण प्रदेश के सभी आरएमओ को काफी ज्यादा आर्थिक तौर पर नुक्सान हो रहा है। वहीं सरकार को ग्रामीण एरिया में बने हेल्थ सेंटरों में बुनियादी सुविधाएं ओर देने की जरूरत है ताकि लोगों गांव स्तर पर ही अच्छी सेहत सुविधाएं मिल सके।

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