गठबंधन टूटने पर भाजपा में कहीं खुशी कहीं गम

अकाली-भाजपा गठबंधन के टूटने पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं में कहीं खुशी कहीं गम वाली स्थिति है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 10:46 PM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2020 10:46 PM (IST)
गठबंधन टूटने पर भाजपा में कहीं खुशी कहीं गम
गठबंधन टूटने पर भाजपा में कहीं खुशी कहीं गम

जागरण संवाददाता, बठिडा : वर्षों पुराने अकाली-भाजपा गठबंधन के टूटने पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं में कहीं खुशी कहीं गम वाली स्थिति है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और आम वर्करों की राय अलग अलग है। जहां वरिष्ठ नेता इस गठबंधन के टूटने को निदनीय मानते हैं, वहीं आम वर्कर इसे शिरोमणि अकाली दल की गुलामी से आजादी मानते हुए खुशी मना रहे हैं।

भारतीय जनता पार्टी के जिला प्रधान विनोद कुमार बिटा अभी इस मुद्दे पर खुलकर नहीं बोल पा रहे हैं। वह कहते हैं कि पार्टी की बैठक चल रही है। उसमें जो भी फैसला होगा पार्टी उसी के अनुसार ही चलेगी। जबकि भाजपा के प्रदेश सचिव सुखपाल सिंह सरां का कहना है कि अकाली दल ने यह गठबंधन तोड़कर पंजाब, पंजाबियत और राज्य के किसानों के साथ द्रोह कमाया है। पंजाब को अशांति की ओर धकेलने की कोशिश की गई है। यह पंजाब का दुर्भाग्य है। भाजपा लेकिन इसके बावजूद पंजाब में भाजपा अब अपने दम पर कुछ करके दिखाएगी।

भाजपा के ही प्रदेश उपाध्यक्ष दियाल दास सोढ़ी कहते हैं कि अकाली दल और भाजपा ने इमरजेंसी के दौरान इकट्ठे लड़ाई लड़ी। हिदुओं और सिखों की एकता की भी मिसाल कायम की है। ऐसी स्थिति में शिअद का यह फैसला निदनीय है। अकाली दल के बुरे दौर में हमेशा भाजपा ने उसका साथ दिया है। वर्ष 2017 इसकी मिसाल है। अब किसानों के मुद्दे पर अकाली दल को भी भाजपा का साथ देना चाहिए था। जबकि कृषि संबंधी जिन बिलों की आज वह विरोधता कर रहे हैं, तीन महीने तक समेत पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल उनका गुणगान करते रहे हैं। इन बिलों से किसानों की तरक्की ही होनी है, नाकि कोई नुकसान। शिअद ने पंजाब के विधानसभा चुनाव को लेकर यह निर्णय लिया है। लेकिन भाजपा भी राज्य में सभी विधान सभा की सीटों पर चुनाव लड़ेगी और अपना दम दिखाएगी।

उधर, भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश सचिव आशुतोष तिवाड़ी कहते हैं कि आम वर्कर पिछले लंबे समय से इस गठबंधन में घुटन महसूस कर रहा था और वह शिअद से तोड़ विछोड़े की मांग भी कर रहा था। लेकिन आज शिरोमणि अकाली दल के खुद ही अलग हो जाने पर वही वर्कर आजादी महसूस कर रहा है। इस निर्णय से पार्टी को फायदा ही होगा। आम वर्करों में इस फैसले से बेहद उत्साह है। भाजपा के जिला सचिव वरिदर शर्मा के अनुसार इस फैसले के बाद पंजाब में भाजपा का विस्तार होगा।

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