एमआरएसपीटीयू में 2.53 करोड़ की लागत से तैयार होगी फूड प्रोसेसिग लेबोरेट्री

स्टेट आफ द आर्ट फूड टेस्टिग लेबोरेट्री शुरू की जा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 12 Oct 2021 09:59 PM (IST) Updated:Tue, 12 Oct 2021 09:59 PM (IST)
एमआरएसपीटीयू में 2.53 करोड़ की लागत से तैयार होगी फूड प्रोसेसिग लेबोरेट्री
एमआरएसपीटीयू में 2.53 करोड़ की लागत से तैयार होगी फूड प्रोसेसिग लेबोरेट्री

जागरण संवाददाता, बठिडा: महाराजा रणजित सिंह पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एमआरएसपीटीयू) की ओर से खाने-पीने की वस्तुओं की जांच व प्रमाणित करने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए स्टेट आफ द आर्ट फूड टेस्टिग लेबोरेट्री शुरू की जा रही है। भारत सरकार के फूड प्रोसिग उद्योग मंत्रालय द्वारा फूड टेस्टिग लेबोरेट्री प्रोजेक्ट के लिए मंजूरी दी गई है, जिस पर 253.12 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे।

यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. बूटा सिंह सिद्धू ने कहा कि इसके साथ किसान, उद्योग, उत्पादकों, उपभोक्ताओं, घरेलू उद्योग, उद्यमी, छोटे व मध्यम वर्गीय उद्योग जो भोजन का कारोबार करते हैं, उनको लाभ होगा। फूड साइंस व टेक्नोलाजी विभाग के मुखी डा. कवलजीत सिंह सिद्धू ने कहा कि प्रयोगशाला का उद्देश्य फूड प्रोसेसिग उद्योग व अन्य हिस्से से प्राप्त नमूनों का विश्लेषण करना और नमूनों का कम से कम समय में विश्लेषण पर रिपोर्ट देना है। यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर राजवीर कौर व गुरजिदर कौर ने बताया कि लेबोरेटरी की स्थापना का काम तेजी से चल रहा है। इसमें गैस क्रोमेटोग्राफी, हाई परफारमेंस लिक्विड क्रोमेटोग्राफी, इंडक्टिवली कपल्ड प्लाजमा आप्टिकल एमिशन स्पेक्ट्रोमीटर, फोरिअर ट्रांसफारम इंफरड स्पेक्ट्रोफोमीटर, अल्ट्रावायलेट विजिबल स्पेक्ट्रोफोटोमीटर, रोटरी डेकोरेटर आदि यंत्र स्थापित किए जाएंगे। इसके साथ भोजन में कीटनाशक, जहरीले तत्व, पौष्टिक तत्व, जरूरी वस्तुओं, एंटीअसक्सीडेंट, विटामिन, अमीनो एसिड की मात्रा का पता लगाया जा सकेगा।

खाद्य पदार्थो में बढ़े मिलावट के मामलों के कारण जांच जरूरी

इसके अलावा डा. सिद्धू ने बताया की जीवनी भोजन के विभिन्न हिस्सों की जांच करने के लिए नामात्र फीस तय की जाएगी, जबकि फूड की क्वालिटी जांच बहुत महत्वपूर्ण होती है। यहां पर मिलावट व गुणों की जांच करने के लिए बहुत बढि़या उपकरण होंगे, जो किसी भी अंतराष्ट्रीय स्तर की प्रयोगशाला के बराबर होगी। आज के समय भोजन में हो रही मिलावट के लगातार बढ़ रहे केसों के सामने आने के बाद जांच एक जरूरत बन गई है। यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डा. गुरिदर पाल सिंह बराड़ व डीन रिसर्च व डेवल्पमेंट डा. आशीष बालदी ने फूड साइंस एंड टेक्नालाजी विभाग को बधाई दी है।

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