निगम हाउस की पहली बैठक में नहीं मिला बोलने का मौका, गिल सहित तीन पार्षदों का वाकआउट

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पार्षद जगरूप सिंह गिल तथा शिअद के पार्षद हरपाल सिंह ढिल्लों को बोलने का मौका नहीं दिया गया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 04 Jun 2021 10:40 PM (IST) Updated:Fri, 04 Jun 2021 10:40 PM (IST)
निगम हाउस की पहली बैठक में नहीं मिला बोलने का मौका, गिल सहित तीन पार्षदों का वाकआउट
निगम हाउस की पहली बैठक में नहीं मिला बोलने का मौका, गिल सहित तीन पार्षदों का वाकआउट

सुभाष चंद्र, बठिडा

कांग्रेस शासित नगर निगम हाउस की पहली वर्चुअल बैठक में मेयर पद के दावेदार रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पार्षद जगरूप सिंह गिल तथा शिअद के पार्षद हरपाल सिंह ढिल्लों को बोलने का मौका नहीं दिया गया। इसके चलते जगरूप गिल के अलावा हरपाल सिंह ढिल्लों अपनी पार्टी की महिला पार्षद अमनदीप कौर को साथ लेकर वाकआउट कर गए। जगरूप गिल समर्थक माने जाते वार्ड नंबर दो के कांग्रेस पार्षद सुखदीप ढिल्लों भी कुछ समय बाद बाहर आ गए। निगम की ओर से कोविड के कारण यह वर्चुअल मीटिग बुलाई गई थी, लेकिन 50 सदस्यीय हाउस के 10-10 पार्षदों को पांच अलग-अलग कमरों में बैठाया गया था। मेयर रमन गोयल की अध्यक्षता में हुई इस मीटिग को कान्फ्रेंस हाल से होस्ट किया गया। कान्फ्रेंस हाल में कमिश्नर बिक्रमजीत सिंह शेरगिल भी मौजूद थे। बैठक का एकमात्र एजेंडा एफएंडसीसी ( फाइनांस एंड कांट्रेक्ट कमेटी) के लिए दो सदस्यों का चयन करना था।

निगम सेक्रेटरी अमरदीप सिंह गिल के बैठक की कार्रवाई शुरू करने के साथ ही पार्षद हरविदर सिंह लड्डू ने वार्ड नंबर 30 के पार्षद बलजिदर ठेकेदार का नाम एफएंडसीसी के लिए पेश किया, जिसका पार्षद रतन राही ने समर्थन किया। इसी तरह पार्षद शाम लाल जैन ने वार्ड नंबर 31 की पार्षद प्रवीन गर्ग का नाम पेश किया, जिसका पार्षद बलजीत राजू सरां ने समर्थन किया। दोनों को सर्वसम्मति के साथ एफएंडसीसी का मेंबर चुन लिया। बतां दे कि छह सदस्यीय एफएंडसीसी के लिए मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर, डिप्टी मेयर और कमिश्नर पहले से मेंबर तय होते हैं। अकाली-भाजपा हाउस के कार्यकाल की समाप्ति के बाद करीब सवा साल के बाद अब नई एफएंडसीसी का गठन हुआ है। एफएंडसीसी को एक करोड़ रुपये की फाइनेंशियल पावर

कोविड के चलते एफएंडसीसी को एक करोड़ रुपये के विकास कार्य को पास करने के अधिकार हाउस की ओर से प्रदान किए गए। पहले यह सीमा केवल पांच लाख रुपये तक की थी। इसी तरह कमिश्नर को दो लाख रुपये तक के कार्य अपने स्तर पर पास करने के अधिकार दिए गए, जो पहले एक लाख रुपये तक ही थे। विभिन्न मसलों के हल के लिए मेयर से कमेटियों का गठन करने को भी कहा गया। आनलाइन के साथ आफलाइन नक्शे पास करने की प्रक्रिया भी चालू रखने की मांग की गई ताकि आनलाइन में तकनीकी दिक्कत आने पर आफलाइन नक्शे पास किए जा सकें, जिसे हाउस ने प्रवान करते हुए इसका विभाग के पास पारित प्रस्ताव भेजने का फैसला लिया गया। जगरूप गिल की अंगुली खड़ी ही रह गई, वाकआउट

पार्षद जगरूप गिल ने कहा कि जिस बैठक में किसी को बोलने का मौका ही नहीं देना तो उसमें बैठने का क्या फायदा। उन्होंने जीरो आवर से लेकर काफी देर तक अपनी अंगुली खड़ी रखी, लेकिन उनका माइक आन नहीं किया गया। इस पर वह वाकआउट कर गए। गिल ने बताया कि उन्होंने नगर कौंसिल की पूर्व प्रधान भूपिदर सिंह भुल्लर की मौत, किसान आंदोलन और कोविड में मारे गए शहर लोगों का शोक प्रस्ताव लाकर उन्हें श्रद्धांजलि भेंट करनी थी। इसी तरह निगम की ओर से एक करोड़ रुपये कोरोना के कारण मारे गए लोगों की मदद के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में देने, मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर, डिप्टी मेयर को शहर के लोगों की मदद के लिए 50 लाख रुपये की ग्रांट के अधिकार देने मांग करनी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि शायद मंत्री के इशारे पर उन्हें बोलने नहीं दिया गया। निगम को लोकतांत्रिक तरीके से नहीं, तानाशाही से चलाया जा रहा है।

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