स्कूलों में पहले दिन पहुंचे 45 फीसद नन्हे बच्चे

लंबे अंतराल के बाद आखिरकार सोमवार से प्री-प्राइमरी से 12वीं तक की सभी कक्षाओं के लिए स्कूल खोल दिए गए।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 10:00 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 10:00 PM (IST)
स्कूलों में पहले दिन पहुंचे 45 फीसद नन्हे बच्चे
स्कूलों में पहले दिन पहुंचे 45 फीसद नन्हे बच्चे

संस, बठिडा: लंबे अंतराल के बाद आखिरकार सोमवार से प्री-प्राइमरी से 12वीं तक की सभी कक्षाओं के लिए स्कूल खोल दिए गए। हालांकि पहले दिन सिर्फ सरकारी स्कूल ही खुले, जबकि निजी स्कूल मंगलवार से खुलेंगे। निजी स्कूलों अभी प्री-प्राइमरी कक्षा के बच्चों को नहीं बुलाया जा रहा है। उन्होंने फैसला किया है कि फिल्हाल अभिभाविकों की सहमति पर कक्षा पहली से बच्चों को बुलाएंगे। वहीं सरकारी स्कूलों में पहले दिन 25 से 30 फीसद विद्यार्थी ही पहुंचे, जबकि पहले से चल रहीं नौवीं से बारहवीं कक्षा में 50 फीसद हाजिरी रही। इस दौरान विद्यार्थियों को एक बेंच छोड़कर बैठाया गया। साथ ही जिनके पास मास्क नहीं थे, उन्हें मास्क दिए गए। हालांकि कुछ स्कूलों में नियमों का ध्यान नहीं रखा गया। स्टाफ से लिया जा रहा वैक्सीन का सर्टिफिकेट: डीईओ

जिला शिक्षा अधिकारी मेवा सिंह सिद्धू ने कहा कि स्कूल खुलने से पहले टीचिग व नान टीचिग स्टाफ को वैक्सीन लगवाने के लिए कहा गया था। बिना वैक्सीन वाले स्टाफ को स्कूल में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। उनसे वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट जमा करवाने को कहा गया है। नए बन रहे स्कूलों में दो शिफ्टों में लग रही क्लास

वैसे तो सभी स्कूलों में बच्चों को बुलाया जा रहा है, लेकिन जो स्कूल बन रहे हैं, वहां प्रबंधकों को बच्चों को बैठाने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। वहीं स्कूल प्रबंधकों द्वारा इसे मैनेज करने के लिए दो शिफ्टों में बुलाया जा रहा है। स्कूल प्रबंधक कोशिश कर रहे हैं किसी भी तरह कक्षाओं को मैनेज कर बच्चों को बुलाया जा सके।

विद्यार्थी उत्साहित, स्कूल आकर लगता है अच्छा

काफी दिन बाद स्कूल आकर अच्छा लगा। घर रहकर काफी बोर हो गए थे। अब हमें जब स्कूल बुलाया गया तो मुझे बहुत खुशी मिली। रोज साइकिल पर दोस्तों के स्कूल आना अच्छा लगता है।

- गिलप्रीत सिंह, विद्यार्थी

जब से स्कूल खोलने का फैसला सुना था, तभी मैंने बैग सही कर लिया था। मुझे स्कूल आना अच्छा लगता है। स्कूल आकर एक अलग-सी खुशी मिलती है। वहीं आनलाइन हमें कुछ समझ नहीं आता।

- अंजलि, विद्यार्थी अभिभावक बोले, घर रहकर बिगड़ने लगी थी बच्चों की आदत बच्चों की घर में रह कर आदतें बिगड़ने लगी थीं। अब स्कूल खुले हैं तो उनका काफी समय पढ़ाई में निकल जाएगा। जो पढ़ाई स्कूल के क्लासरूम में बैठ कर की जा सकती है, वह आनलाइन नहीं की जा सकती।

- फौजा सिंह,अभिभावक

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