मंडियों में किसानों की समस्याएं दूर करना ही मेरा पहला दायित्व: कंवरप्रीत सिंह बराड़

जिला मंडी बोर्ड अधिकारी का सबसे पहला दायित्व यह होता है कि किसी भी किसान को मंडियों में परेशानी न आने दे।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Apr 2021 04:53 AM (IST) Updated:Thu, 29 Apr 2021 04:53 AM (IST)
मंडियों में किसानों की समस्याएं दूर करना ही मेरा पहला दायित्व: कंवरप्रीत सिंह बराड़
मंडियों में किसानों की समस्याएं दूर करना ही मेरा पहला दायित्व: कंवरप्रीत सिंह बराड़

सुभाष चंद्र, बठिडा

जिला मंडी बोर्ड अधिकारी का सबसे पहला दायित्व यह होता है कि किसी भी किसान को मंडियों में परेशानी न आने दे। उन्हें वह तमाम सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं, जिनकी उन्हें हर समय आवश्यकता होती है। राज्य सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार वह अपने इस दायित्व को बखूबी निभा रहे हैं। यह कहना है कि जिला मंडी बोर्ड अधिकारी कंवरप्रीत सिंह बराड़ का, जोकि दैनिक जागरण के साथ विशेष बातचीत कर रहे थे। पेश है उनके साथ बातचीत के अन्य अंश।

सवाल: कोरोना महामारी के मद्देनजर इस बार मंडियों में किसानों, मजदूरों व आढ़तियों को इस बीमारी से बचाने के लिए क्या-क्या प्रबंध किए गए हैं?

जवाब: इस बीमारी को लेकर मंडी बोर्ड के अधिकारी व कर्मचारी शुरू से ही बेहद गंभीर हैं। जिले में मंडी बोर्ड के अधीन कुल 183 मंडियां हैं। सभी मंडियों में सैनिटाइजर व हाथ धोने के लिए साबुन और पानी की व्यवस्था की गई। इसके अलावा मंडियों में वैक्सीनेशन कैंप लगाए जा रहे हैं, जहां पर आढ़तियों, किसानों व मजदूरों की वैक्सीनेशन की जा रही है। जब तक खरीद चलेगी, ये इंतजाम ऐसे ही रहेंगे। सवाल: इस बार किसानों को गेहूं बेचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बारदाने की कमी है। लिफ्टिग नहीं हो रही। मंडियां अनाज से भरी पड़ी हैं। इसके लिए क्या किया है?

जवाब: यह स्थिति शुरू में अवश्य पैदा हुई थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है। दरअसल इस बार गेहूं की फसल मौसम की वजह से जल्दी पककर तैयार हो गई थी और एक दम से ही मंडियों में गेहूं पहुंच गया। अब स्थिति को पूरी तरह से कंट्रोल कर लिया गया है। बारदाने और लिफ्टिंग की दिक्कत दूर कर दी गई है। सवाल: किसानों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों के खरीद केंद्रों पर अब भी बारदाने की कमी के कारण सही ढंग से खरीद नहीं हो रही है?

जवाब: यह समस्या बारदाने की कमी के कारण पैदा नहीं हुई। यह समस्या लिफ्टिग के कारण पैदा हुई थी, जोकि अब दूर हो चुकी है। जिले की सात मंडियों में यह दिक्कत आई थी, जहां पर बहुत ज्यादा गेहूं इकट्ठा हो गया था। इसे बीते सोमवार से दूर कर दिया गया है। अब कोई समस्या नहीं है। सवाल: बठिडा जिले में कुल कितने खरीद केंद्र हैं? इनमें कितने कच्चे और कितने पक्के हैं? कच्चे खरीद केंद्रों को पक्का करने की क्या योजना है?

जवाब: बठिडा जिला मंडी बोर्ड के अधीन कुल 183 खरीद केंद्र हैं, जिनमें से लगभग तमाम खरीद केंद्र ही पक्के हैं। केवल सात खरीद केंद्र ही ऐसे हैं जोकि अभी कच्चे हैं, लेकिन इन खरीद केंद्रों पर बहुत ही कम मात्रा में अनाज पहुंचता है। इसलिए फिलहाल इन केंद्रों को पक्का करने की कोई योजना नहीं है। सवाल: जिला मंडी बोर्ड के पास संसाधनों की कितनी कमी है?

जवाब: मंडी बोर्ड के पास संसाधनों की कोई कमी नहीं है। सब कुछ ठीक-ठाक है। सवाल: आपकी प्राथमिकताएं क्या-क्या हैं?

जवाब: जैसा कि मैने पहले भी बताया है कि गेहूं और धान के सीजन के दौरान खरीद के सुचारू प्रबंध करना मेरी प्राथमिक जिम्मेदारी है। मेरी हमेशा यही कोशिश रहती है कि सीजन के दौरान फसल लेकर आने वाले किसानों को जल्दी से जल्दी फ्री करना है। उन्हें मंडी में ज्यादा देर बैठना न पड़े। इसके अलावा भी किसी भी तरह की और परेशानी का सामना न करना पड़े। इसके लिए मैं हर रोज जिले की विभिन्न मंडियों व खरीद केंद्रों का दौरा करता रहता हूं।

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