मौड़ मंडी में किसानों ने मार्केट कमेटी का दफ्तर घेरा

बारदाने की कमी व धर्म कांटा मालिकों की तरफ से गेहूं का वजन कम तोलकर की जा रही लूट के विरोध में किसानों ने नारेबाजी की।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 10:50 PM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 10:50 PM (IST)
मौड़ मंडी में किसानों ने मार्केट कमेटी का दफ्तर घेरा
मौड़ मंडी में किसानों ने मार्केट कमेटी का दफ्तर घेरा

जागरण संवाददाता, मौड़ मंडी : बारदाने की कमी व धर्म कांटा मालिकों की तरफ से गेहूं का वजन कम तोलकर की जा रही लूट के विरोध में किसानों ने नारेबाजी की। संयुक्त मोर्चा की ने मार्केट कमेटी के आगे धरना लगाकर पंजाब सरकार तथा प्रशासन के खिलाफ रोष जताया। भारतीय किसान यूनियन सिद्धूपुर के ब्लाक प्रधान बलविदर सिंह जोधपुर, भूपेंद्र सिंह मौड़, कलां, बीकेयू मानसा के सुरजीत सिंह, पवनदीप सिंह आदि ने कहा कि किसान हितैषी कहलाने वाले कैप्टन सरकार के राज में जहां बारदाने की कमी के कारण किसान मंडियों में परेशान हो रहे हैं, वही धर्म कांटा मालिकों की तरफ से गेहूं की ट्रालियों का वजन 50 किलो कम तोल कर किसानों से लूट की जा रही है। आरोप लगाया कि किसानों की इस लूट के खिलाफ पुलिस को दरख्वास्त दी है परंतु मिलीभगत के कारण कोई कार्रवाई नहीं हो रही। उन्होंने कहा कि पिछले 10 दिनों से मंडियों में बारदाना न आने के कारण गेहूं के अंबार लग चुके हैं। किसान अपनी फसल बेचने को बेहद परेशान हैं। बारदाने की कमी को पूरा करने के कोई प्रयास दिखाई नहीं दिए दे रहे। उन्होंने कहा कि अगर धर्म कांटा मालिकों के खिलाफ कार्रवाई न हुई और बारदाने की कमी को तुरंत पूरा नहीं किया गया तो कड़ा संघर्ष शुरू किया जाएगा। नरमा की बिजाई के मद्देनजर नहरों में पानी छोड़ने की मांग

तलवंडी साबो में शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता व पूर्व विधायक जीत महेंद्र सिंह सिद्धू ने सिचाई विभाग की ओर से लगाई हुई नहरबंदी तुरंत वापस लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अब अगली फसल की बिजाई से पहले खेतों में पानी की बहुत जरूरत है, लेकिन सिचाई विभाग ने नहरबंदी कर रखी है। मालवा की नरमा बेल्ट के तौर पर जाने जाते इस इलाके में किसानों की ओर से गेहूं की कटाई लगभग मुकम्मल कर लिए जाने के बाद अब नरमा की बिजाई की जानी है। खेती माहिरों के अनुसार नरमा की बिजाई के लिए अब करीब 20 दिन उचित समय है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि जब किसानों ने नरमा की बिजाई करनी है तो नहरें व रजबाहे सूखे पड़े हैं। गांव के किसानों ने बताया कि नहरी पानी की बंदी के कारण उन्हें खेतों में पानी लगाने के लिए महंगे भाव का डीजल फूंकना पड़ रहा है। पूर्व विधायक सिद्धू ने सरकार से नेहरू मैरिज बाहों में पानी छोड़ने की मांग की है।

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