किसानों को मंडी में बैठना मंजूर, लेकिन एफसीआइ को नहीं बेच रहे गेहूं

सुभाष चंद्र बठिडा राज्य सरकार की ओर से बीती दस अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू किए जाने

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 03:11 AM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 03:11 AM (IST)
किसानों को मंडी में बैठना मंजूर, लेकिन एफसीआइ को नहीं बेच रहे गेहूं
किसानों को मंडी में बैठना मंजूर, लेकिन एफसीआइ को नहीं बेच रहे गेहूं

सुभाष चंद्र, बठिडा

राज्य सरकार की ओर से बीती दस अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू किए जाने के बावजूद जिले के कई केंद्रों पर करीब आठ दिन बाद रविवार की दोपहर तक भी खरीद शुरू नहीं हो पाई। इन खरीद केंद्रों में तलवंडी साबो क्षेत्र के गांव कौरेआना, लहरी और सीगों के अलावा गांव चोटियां, भोखड़ा, मलूका, रायके कलां, बंबीहा और भोखड़ा शामिल हैं। गांव भोखड़ा के किसान तो पिछले एक हफ्ते के दौरान बठिडा-अमृतसर नेशनल हाइवे पर धरना देकर ट्रैफिक भी जाम कर चुके हैं।

एफसीआइ के पास मंडियां होना खरीद न होने का कारण

दरअसल इन केंद्रों पर खरीद शुरू न हो पाने का मुख्य कारण ये मंडियां एफसीआइ के पास होना है। किसान और आढ़ती एफसीआइ को अपना माल नहीं बेचना चाहते हैं। वह स्टेट एजेंसियां अलाट करने की मांग कर रहे हैं। हालांकि अब खुराक एवं सप्लाई विभाग की तरफ से आधा दर्जन केंद्र बीती देर शाम को स्टेट एजेंसियों को अलाट कर दिए हैं। किसानों में एफसीआइ के प्रति जहां अदायगी को लेकर आशंका बनी है, वहीं पर एफसीआइ एजेंसी की ओर से मंडी में काम करने वाले मजदूरों का ईपीएफ काटकर अदायगी करना आढ़तियों को मंजूर नहीं है।

किसान और आढ़ती बोले-एफसीआइ पर नहीं भरोसा

गांव लहरी के किसान व भाकियू (डकौंदा) के नेता दलजीत सिंह ने कहा कि एफसीआइ को वह माल नहीं बेचेंगे। उन्हें इस एजेंसी पर पेमेंट को लेकर भरोसा नहीं है कि पूरे पैसे देंगे भी कि नहीं। उसने अपना कुछ गेहूं तो रामां मंडी में बेच दिया है। गांव भोखड़ा के किसान सरपंच अवतार सिंह, कर्मजीत सिंह पप्पू, निर्मल सिंह, रविदर सिंह, सरपंच जगमीत सिंह, सुखपाल सिंह बराड़, लंबड़ सिंह, गुरचरन सिंह आदि किसानों का भी ऐसा ही कहना है। मजदूरों का ईपीएफ काटकर अदायगी मंजूर नहीं

भोखड़ा गांव के आढ़ती रछपाल सिंह बराड़ ने कहा कि मंडी में गेहूं आए को दस दिन हो गए हैं। लेकिन स्टेट एजेंसियों को अलाट करने की बजाए इस केंद्र की एफसीआइ को अलाटमेंट कर दी गई है। एफसीआइ मजदूरों के इपीएफ की कटौती करके गेहूं की अदायगी करेगी। एफसीआइ अधिकारियों का कहना है कि ईपीएफ की पेमेंट बाद में आएगी। जबकि आढ़ती को सफाई, भराई आदि की दाम ही मिलना होता है। आढ़ती रछपाल सिंह ने कहा कि किसानों के संघर्ष के बाद बेशक स्टेट एजेंसी मार्कफेड और पनसप को भी उनका खरीद केंद्र अलाट कर दिया है। लेकिन अभी तक खरीद शुरू नहीं हो पाई है। गांव चोटियां के आढ़ती अजय कुमार ने कहा किसान भी और आढ़ती खुद भी एफसीआइ को गेहूं नहीं बेचना चाहते हैं। एफसीआइ की अदायगी सही नहीं है। अब पनग्रेन को भी केंद्र की अलाटमेंट हो गई है। आज खरीद शुरू हो जाएगी। एफसीआइ के साथ स्टेट एजेंसियों की भी अलाटमेंट

खुराक एवं सिविल सप्लाई तथा खपतकार मामले विभाग पंजाब ने बीते शनिवार की रात को पत्र जारी कर अब भोखड़ा के केंद्र पर एफसीआइ के साथ मार्कफेड व पनसप, रायके कलां के खरीद केंद्र पर पनसप और वेयरहाउस, बंबीहा के खरीद केंद्र पर मार्कफेड, मलूका के केंद्र पर वेयरहाउस, चोटियां के केंद्र पर पनग्रेन व कोरेआना के खरीद केंद्र पर पनग्रेन एजेंसी भी एफसीआइ के साथ अलाट कर दी गई है।

सभी खरीद केंद्र स्टेट एजेसियों को नहीं कर सकते अलाट

जिला खुराक एवं सप्लाई कंट्रोलर जसप्रीत सिंह काहलों ने कहा कि कई खरीद केंद्र अब स्टेट एजेंसियों को अलाट कर दिए गए हैं। उम्मीद है उन केंद्रों पर आज खरीद शुरू हो जाएगी। लेकिन एफसीआइ को अलाट सभी खरीद केंद्र स्टेट एजेंसियों को अलाट नहीं किए जा सकते हैं। चूंकि स्टेट एजेंसियों को पास गेहूं स्टोर करने के लिए उतनी जगह भी होनी चाहिए।

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