जिनके साथ होर्डिग लगवा सीएम ने लूटी वाहवाही, उन किसानों को भी नहीं मिला मुआवजा

सीएम के दौरे के 27 दिन बीत जाने के बाद भी किसानों को मुआवजा नहीं मिला।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 03:47 AM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 03:47 AM (IST)
जिनके साथ होर्डिग लगवा सीएम ने लूटी वाहवाही, उन किसानों को भी नहीं मिला मुआवजा
जिनके साथ होर्डिग लगवा सीएम ने लूटी वाहवाही, उन किसानों को भी नहीं मिला मुआवजा

गुरप्रेम लहरी, कटार सिंह वाला, बठिडा

भले ही पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने गुलाबी सुंडी से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करके किसानों को मुआवजा देकर राहत की बात कही थी, लेकिन दौरे के 27 दिन बीत जाने के बाद भी किसानों को मुआवजा नहीं मिला, जबकि प्रदेश भर में गुलाबी सुंडी से बर्बाद नरमे की फसल के मुआवजे के होर्डिंग्स लगा दिए गए हैं। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा बठिडा जिले के गांव कटार सिंह वाला में दो किसानों के खेतों में जाकर उनकी फसलों का जायजा लिया गया था, लेकिन अब तक उनको भी मुआवजा नहीं मिला। गांव कटार सिंह वाला के किसान निराश हैं कि मुख्यमंत्री के दौरा करने के बाद भी मुआवजा नहीं मिला।

मुख्यमंत्री चन्नी ने गत 26 सितंबर को बठिडा जिले के गांव कटार सिंह वाला के किसान हरप्रीत सिंह व बलविदर सिंह खालसा के खेत में जाकर गुलाबी सुंडी से बर्बाद हुई फसल का जायजा लिया था। वहां पर उन्होंने जिस भी टिडे को खोल कर देखा उसी में से सुंडी मिली और टींडा सड़ा हुआ मिला। इस पर उन्होंने दोनों ही किसानों को गिरदावरी करा कर जल्दी मुआवजा देने का वादा किया था, लेकिन मुआवजा आज तक नहीं मिला।

गांव कटार सिंह वाला के किसान बलविदर सिंह खालसा ने कहा कि उस दिन जब मुख्यमंत्री चन्नी उनके खेत में आए तो उन्होंने उनका आभार भी प्रकट किया था कि वह पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो उनके गांव में आए हैं। आज से पहले कभी कोई मुख्यमंत्री उनके गांव में नहीं आया। इसके बाद मुख्यमंत्री चन्नी ने उनको जफ्फी डालते हुए गले से लगा लिया था। अब तो गांव वाले भी उनको मजाक करते हैं कि आपको तो मुख्यमंत्री ने जफ्फी डाली थी अब मुआवजा दिलाओ। उनकी फोटो को कांग्रेस सरकार ने खूब प्रचारा और जगह-जगह पर उनके साथ जफ्फी डालते हुए की वीडियो वायरल की गई, लेकिन मुआवजा एक पैसा भी नहीं मिला।

वहीं किसान हरप्रीत सिंह ने बताया कि उन्होंने 30 एकड़ जमीन 70 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से ठेके पर ली थी। इसमें 16 एकड़ में नरमे की खेती की थी। वह पूरी ही खत्म हो गई। एक भी एकड़ से क्विटल या डेढ़ क्विटल से ज्यादा पैदावार नहीं हुई। 70 हजार रुपये ठेका और 20 हजार उन्होंने फसल को तैयार करने पर लगा दिए थे, लेकिन फसल को गुलाबी सुंडी ने बर्बाद कर दिया। उन्होंने कहा कि पटवारी गांव में आकर गिरदावरी तो कर गया, लेकिन अभी मुआवजे का इंतजार है। उधर, बठिडा के डीसी अरविदपाल सिंह संधू ने कहा कि गिरदावरी की रिपोर्ट सरकार को भेज दी गई है। अब यह सरकार के विचाराधीन है।

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