गेहूं का झाड़ कम, आर्थिक संकट झेल रहे किसान

इस बार गेहूं का झाड़ कम निकलने से किसान बड़ा आर्थिक संकट झेल रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 03 May 2021 09:53 PM (IST) Updated:Mon, 03 May 2021 09:53 PM (IST)
गेहूं का झाड़ कम, आर्थिक संकट झेल रहे किसान
गेहूं का झाड़ कम, आर्थिक संकट झेल रहे किसान

जागरण संवाददाता, बठिडा: इस बार गेहूं का झाड़ कम निकलने से किसान बड़ा आर्थिक संकट झेल रहे हैं। कम झाड़ निकलने का कारण गेहूं की फसल के लिए मौसम का अनुकूल न रहना बताया जा रहा है। किसानों के अनुसार प्रति एकड़ पांच से छह क्विटल झाड़ कम निकला है। हालांकि खेतीबाड़ी विभाग यह झाड़ डेढ़ से दो क्विटल प्रति एकड़ निकलने की बात कह रहा है।

किसानों का कहना है कि गेहूं का झाड़ कम निकलने के कारण किसानों को बड़ा आर्थिक नुकसान सहना पड़ा है। पिछले साल किसानों ने जीरो ड्रिल के जरिए बड़े रकबे में गेहूं की बिजाई की थी। पहले ही आर्थिक मंदहाली का सामना कर रहे किसानों को प्रति एकड़ आठ से 10 हजार रुपये का नुकसान हुआ है। गांव पूहली के किसान इकबाल जीत सिंह ने बताया कि जो गेहूं प्रति एकड़ 60 मन निकल रहा था उस का झाड़ इस बार 50 मन ही रह गया है। उनका कहना है कि गेहूं की सीधी बिजाई तथा मौसम के अनुकूल न रहने के कारण झाड़ पर गहरा असर पड़ा है। गांव बुर्ज सेमा के किसान जसबीर सिंह ने कहा कि इस बार 10 से 15 मन का झाड़ कम निकला है, जिस कारण किसानों को बड़ा आर्थिक झटका लगा है। किसान पहले ही आर्थिक मंदहाली के साथ जूझ रहे हैं तथा खेती लागत खर्चे भी लगातार बढ़ रहे हैं। झाड़ कम निकलने के कारण किसान जहां परेशान है, वही उसे बेचने के लिए भी इस बार मंडियों में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ज्यादा गर्मी से पिचका गेहूं का दाना: डा. बहादुर सिंह

जिला मुख्य खेतीबाड़ी अधिकारी डा. बहादुर सिंह का कहना है कि इस बार गेहूं का झाड़ कम हुआ है, लेकिन यह उतना नहीं है जितना किसानों द्वारा दावा किया जा रहा है। डेढ़ से दो क्विटल प्रति एकड़ झाड़ कम जरूर निकला है। इसका कारण मौसम का सही न रहना है। आखिरी दिनों में एकदम से गर्मी ज्यादा हो जाने से गेहूं का दाना पिचक गया, जिसका नतीजा यह हुआ कि झाड़ कम हो गया।

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