केंद्र व पंजाब की आपसी खींचतान, किसान दुविधा में
केंद्र व पंजाब सरकार की आपसी खींचतान के कारण किसान अपनी गेहूं की फसल बेचने को लेकर दुविधा में हैं।
विनोद जैन, सरदूलगढ़
बेशक पंजाब सरकार द्वारा दस अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू करने का ऐलान किया गया है, लेकिन केंद्र व पंजाब सरकार की आपसी खींचतान के कारण किसान अपनी गेहूं की फसल बेचने को लेकर दुविधा में हैं। अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि उन्हें गेहूं की अदायगी सीधी की जाएगी या आढ़तियों के जरिए। दरअसल, पंजाब सरकार चाहती है कि किसानों को गेहूं की अदायगी आढ़तियों के जरिए की जाए, जबकि केंद्र सरकार का आदेश है कि गेहूं खरीद का भुगतान किसानों के खाते में डाला जाए। इवहीं पिछले दो तीन दिन से मौसम खराब होने के कारण किसानों में अपनी फसल खराब होने का डर पाया जा रहा है। इसलिए किसान अपनी फसल को काटकर अपने घर में रखने को मजबूर हैं।
गांव खैरा के किसान देवी लाल ने कहा कि उन्होंने अपनी फसल को काटकर अपने घर रख लिया है। वहीं किसान नेता कामरेड लाल चंद ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों को परेशान कर रही है। किसानों को गेहूं की अदायगी आढ़तियों के जरिए ही की जाए ताकि किसानों को परेशान न होना पडे़।
आढ़तिया एसोसिएशन सरदूलगढ़ के प्रधान साहिल चौधरी ने कहा कि केंद्र पंजाब सरकार को यह आदेश जारी करे कि किसानों को गेंहू की अदायगी आढ़तियों द्वारा ही की जाए क्योंकि आढ़ती किसान का रिश्ता नाखुन मास का है, जिसे कायम रखा जाए। किसानों को सीधी अदायगी करवाने के लिए कागजी कार्रवाई करनी पडे़गी, जिससे किसानों को परेशानी का सामना करना पडे़गा।
मार्केट कमेटी सरदूलगढ़ के सचिव जगतार सिंह फगू ने कहा कि गेहूं की खरीद संबंधी सभी प्रबंध पूरे कर लिए गए हैं। किसानों की आदायगी संबंधी तो जानकारी खरीद एजेंसियां ही दे सकती हैं। वहीं जिला फूड कंट्रोलर मानसा मधू बाला ने कहा कि गेहूं की खरीद के लिए सभी प्रबंध मुकम्मल कर लिए गए हैं। फसल की अदायगी संबंधी अभी कोई फैसला नहीं हुआ।