किसानों के जाम ने रोकी जनता की रफ्तार

पंजाब की अनाज मंडियों में धान की खरीद न होने के विरोध में भारतीय किसान यूनियन सिद्धूपुर की ओर से प्रदेश में कई स्थानों पर सड़कें जाम कर प्रदर्शन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Nov 2018 06:40 PM (IST) Updated:Fri, 16 Nov 2018 07:22 PM (IST)
किसानों के जाम ने रोकी जनता की रफ्तार
किसानों के जाम ने रोकी जनता की रफ्तार

जागरण संवाददाता, ब¨ठडा : पंजाब की अनाज मंडियों में धान की खरीद न होने के विरोध में भारतीय किसान यूनियन सिद्धूपुर की ओर से प्रदेश में कई स्थानों पर सड़कें जाम कर प्रदर्शन किया गया। ब¨ठडा में किसानों ने जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स के सामने तीन घंटे दोपहर 12 से 3 बजे तक प्रदर्शन किया। इसके लिए जीटी रोड को पूरी तरह से बंद कर दिया गया। वहीं जाम लगते ही शहर का सारा ट्रैफिक अस्त-व्यस्त हो गया। इसके चलते अपने काम के लिए जाने वाले लोगों को एकाएक अपने रूट बदलने पड़े। जबकि जाम के कारण सबसे ज्यादा परेशानी बस यात्रियों को हुई, जिनको बस चालकों द्वारा या तो आईटीआई पुल के पास उतार दिया जाता था, या फिर लिबर्टी चौक में। इस कारण बस स्टैंड तक यात्रियों को एक किलोमीटर तक का सफर पैदल तय करना पड़ा। यहां तक कि उनको जाने के लिए ऑटो भी नहीं मिले। इसके अलावा प्रदर्शन के दौरान एंबुलेंस भी फंस गई, क्योंकि वहां सड़क पर गाड़ियों को भी खड़ा कर दिया था। जिनको साइड में करने पर कुछ समय लगा, जिसके बाद ही एंबुलेंस रवाना की गई। किसानों के प्रदर्शन के दौरान शहर का पूरा ट्रैफिक सिविल लाइन के एरिया में डाइवर्ट हो गया और भारी वाहनों को मॉडल टाउन या 100 फीट रोड से जाना पड़ा।

डीसी से हुई मी¨टग भी रही बेनतीजा

किसान यूनियन की ओर से ब¨ठडा में पिछले सात दिनों धान की खरीद न होने के विरोध में मरणव्रत शुरू किया गया है। इसमें चार जिलों के प्रधान संघर्ष की अगुवाई कर रहे हैं। वहीं किसानों की तरफ से सड़क जाम करने की चेतावनी देने के बाद डीसी ब¨ठडा की ओर से शुक्रवार सुबह किसानों से बैठक भी की गई। लेकिन मी¨टग में कोई हल नहीं निकला। इसके विरोध में तुरंत सड़क पर जाम लगा दिया। इससे पहले मंडीकलां में किसानों के प्रदर्शन के दौरान नौ नवंबर को उनको हर प्रकार की मांग पूरा करने का भरोसा दिया था। मगर जब इसका हल नहीं हुआ तो किसानों ने 10 नवंबर से मरणव्रत शुरू कर दिया। इन सात दिनों में भी प्रशासन की तीन बार किसानों से मी¨टग हो चुकी है, लेकिन अभी तक इसका कोई हल नहीं निकाला। जबकि किसानों की तरफ से मंडियों में धान की फसल को समय पर खरीद करने व नमी के नाम पर उनको परेशान न करने की मांग की जा रही है।

वहीं किसान यूनियन के रेशम ¨सह यात्री ने कहा कि वह मांगों के पूरा होने तक संघर्ष जारी रखेंगे। वहीं आरोप लगाया कि सरकार की गलत नीतियों के कारण ज्यादातर किसानों को मंडियों में ही दीवाली मनानी पड़ी।

फसल में नमी के कारण किसानों

को हो रहा है नुकसान

प्रदर्शन के दौरान किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि एक तो उनको मंडियों में फसल बेचने के लिए कई-कई दिनों तक इंतजार करना पड़ता है। दूसरा फसल बेचने के लिए भी उनको पैसों में कटौती करवानी पड़ती है। इसके चलते किसानों को दोहरी मार पड़ रही है। यहां तक कि मंडियों में अधिकारियों की बजाए शैलर मालिकों द्वारा नमी मापी जाती है, जो हमेशा गलत होती है। जबकि नियमों के अनुसार ऐसा नहीं हो सकता। इसके अलावा मौसम के कारण फसल में नमी की मात्रा वैसे ही बढ़ जाती है। अगर यह एक फीसद भी बढ़ जाए तो उसका नुकसान किसान को होता है। इन हालातों में ही गोनियाना कलां के एक किसान को अपनी कुल फसल के 279 कट्टों में से 62 कट्टे तो नमी के कारण ही कटवाने पड़े। जिसके बारे में प्रशासन को लिखकर भी देंगे।

किसान यूनियन ने दी चेतावनी

किसान यूनियन ने चेतावनी दी है कि अगर मंडियों से धान की खरीद न की गई तो 18 नवंबर को सड़कों के साथ-साथ रेल यातायात भी जाम किया जाएगा। लेकिन उनका संघर्ष मांगों के पूरा होने तक जारी रहेगा।

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