सात किलोमीटर दूर जाकर पता लगा शहर में लगाया गया है रोजगार मेला

बेरोजगार युवाओं को नौकरी देने के मकसद से बठिडा में वीरवार को रोजगार मेला लगाया गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Sep 2020 10:18 PM (IST) Updated:Thu, 24 Sep 2020 10:18 PM (IST)
सात किलोमीटर दूर जाकर पता लगा शहर में लगाया गया है रोजगार मेला
सात किलोमीटर दूर जाकर पता लगा शहर में लगाया गया है रोजगार मेला

जासं, बठिडा : पंजाब सरकार की ओर से बेरोजगार युवाओं को नौकरी देने के मकसद से बठिडा में वीरवार को रोजगार मेला लगाया गया। मगर प्रशासन की लापरवाही से रोजगार मेले में भाग लेने वाले युवाओं को काफी परेशानी हुई। पहले तो कई दिनों तक यही प्रचार किया गया कि रोजगार मेला डबवाली रोड स्थित ज्ञानी जैल सिंह कॉलेज में लगाया गया। मगर बुधवार को अचानक की कोरोना का तर्क देकर रोजगार मेले की जगह में बदलाव करते हुए माल रोड स्थित सरकारी सीनियर सेकंडरी स्कूल लड़कियों में लगा दिया। मगर बहुत से युवा रोजगार मेले में भाग लेने के लिए ज्ञानी जैल सिंह कॉलेज में जाते रहे। मगर वहां पर तैनात सिक्योरिटी गार्ड उनको वापिस भेजते रहे।

दूसरी तरफ बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए जिला रोजगार ब्यूरो की तरफ से मेला लगाया गया। इसमें सैकड़ों युवाओं को नौकरी देने का दावा किया गया। मगर हकीकत यह रही कि ज्यादातर युवाओं को स्थायी नौकरी की बजाए कमिशन आधारित काम करने के लिए कहा गया। जबकि मेले में पहुंचे ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट व आईटी एक्सपर्ट युवा काफी निराश हुए। जिन्होंने कहा कि अच्छे नंबरों के साथ पढ़ाई पूरी करने के बाद भी उनको सड़कों पर बीमा पॉलिसी करने की नौकरी दी जा रही है। जबकि इसमें भी स्थायी वेतन की बजाए कमिशन आधारित काम करने के लिए बोला जा रहा है। अब रोजगार मेला 28 से 30 तक लगाया जाएगा। इससे पहले यह 27 तक था। मगर 25 को बंद होने व 26 व 27 की छुट्टी होने के कारण यह आगे कर दिया गया।

रोजगार मेले में 500 से अधिक युवाओं ने रजिस्ट्रेशन करवाई। जिसमें से 200 से ज्यादा को नौकरी भी मिली। जबकि मेले में एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस, च्वॉइस इंडिया, इंडिया जॉब कार्ट, सिगला जॉब व एचओपी नेक्सट कंपनी के अधिकारी नौकरियां देने के लिए पहुंचे थे। जिनके पास 900 से ज्यादा नौकरियां जरूर थी। मगर सभी के पास मार्केटिग का ही ज्यादातर काम था। इसको लेकर एमबीए पास एक युवक मनदीप को नौकरी तो मिली, मगर वह वेतन कम होने व कमिशन बेस्ड नौकरी होने के कारण सोच में पड़ गया। वहीं रोजगार मेले में पहुंचने वाले युवाओं के वोट बनवाने के लिए भी कैंप लगाया गया था।

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