हाथों में नमक के पैकेट लेकर वित्तमंत्री के दफ्तर पहुंचे कच्चे मुलाजिम

कचे मुलाजिमों ने वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल के दफ्तर के सामने हाथों में नगर के पैकेट लेकर रोष प्रदर्शन किया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 09:56 PM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 09:56 PM (IST)
हाथों में नमक के पैकेट लेकर वित्तमंत्री के दफ्तर पहुंचे कच्चे मुलाजिम
हाथों में नमक के पैकेट लेकर वित्तमंत्री के दफ्तर पहुंचे कच्चे मुलाजिम

संस, बठिडा: सर्व शिक्षा अभियान मिड-डे मील दफ्तरी कर्मचारी यूनियन के जिला प्रधान दीपक बांसल और सचिव शेर सिंह की अगुआई में कच्चे मुलाजिमों ने वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल के दफ्तर के सामने हाथों में नगर के पैकेट लेकर रोष प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने अब तक पांच समितियां बनाईं, लेकिन सभी ने सिर्फ समय ही बर्बाद किया। कांग्रेस सरकार ने चार साल में मुलाजिमों की मांगों को मानने की बजाय कच्चे मुलाजिमों पर सिर्फ जख्म ही दिए हैं। अब अगर मांगें नहीं मान सकते तो खुद ही अपने हाथ से उनके जख्मों पर नमक छिड़क दो।

उन्होंने कहा कि सत्ता में आते समय मुख्यमंत्री ने कहा था कि पहली कैबिनेट में ही कच्चे मुलाजिमों को पक्का कर दिया जाएगा, परंतु सत्ता में आने के बाद सब वादे भूल कर कांग्रेस की सरकार समिति की सरकार बन कर रह गई। इस दौरान प्रदेश भर के मुलाजिमों ने कांग्रेस विधायकों और मंत्रियों को नमक के पैकेट दिए। नेताओं ने बताया कि सरकार की तरफ से कच्चे मुलाजिमों को पक्का करने के लिए मुलाजिम वेलफेयर एक्ट 2016 को रीपिल करके नया एक्ट बनाया जा रहा है, जिसका 30 जुलाई 2021 को पांडुलिपि जारी किया गया है, परंतु एक्ट में ऐसी शर्ते जबरन थोपी जा रही हैं जिसके साथ दूर-दूर तक कच्चे मुलजिम पक्के नहीं हो सकते। अगर हमारी मांगें पूरी न की गई तो आने वाले दिनों में संघर्ष तेज किया जाएगा। वित्तमंत्री को घेरने पहुंचे ठेका मुलाजिमों को पुलिस ने रोका पक्की नौकरी के लिए लंबे समय से संघर्षरत ठेका मुलाजिम संघर्ष मोर्चा के तत्वाधान में विभिन्न विभागों के ठेका कर्मचारियों ने शनिवार को फिर से वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल का घेराव करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें तिकोनी चौक पर ही रोक लिया। मुलाजिम वहीं धरना लगाकर बैठ गए। करीब दो घंटे वित्तमंत्री के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। रास्ता जाम होने की वजह से लोगों को इधर-उधर के विभिन्न रास्तों से अपने कामकाज के लिए जाना पड़ा।

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