निगम ने शुरू किया डोर-टू-डोर फॉगिग अभियान

नगर निगम ने अपनी बड़ी मशीनों के बाद हाथ से आपरेट होने वाली फागिग मशीनों की टीमें भी मैदान में उतार दी हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 06:01 AM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 06:01 AM (IST)
निगम ने शुरू किया डोर-टू-डोर फॉगिग अभियान
निगम ने शुरू किया डोर-टू-डोर फॉगिग अभियान

जासं, बठिडा: जिले में डेंगू व चिकनगुनिया की बीमारी फैलाने वाले मच्छर से लोगों को बचाने के लिए नगर निगम ने अपनी बड़ी मशीनों के बाद हाथ से आपरेट होने वाली फागिग मशीनों की टीमें भी मैदान में उतार दी हैं। इससे पहले दवा के छिड़काव के लिए नगर निगम की पांच बड़ी मशीनें ही शहर के विभिन्न एरिया में फॉगिग कर रही थी, लेकिन अब डोर-टू-डोर के अलावा हाई रिस्क एरिया में हररोज फॉगिग करने के लिए निगम की टीमें सुबह-शाम फॉगिग कर रही हैं।

नगर निगम के पास पहले से पांच बड़ी फागिग मशीनें हैं जिनमें से तीन टाटा-एस पर और दो ट्रैक्टर पर लगी हुई हैं, लेकिन अब निगम ने हाथ से आपरेट होने वाली पांच फॉगिग मशीनों की टीम बनाकर अलग-अलग एरिया में उतराई है, ताकि जिन एरिया या गलियों में बड़ी फॉगिग मशीनें नहीं पहुंच पा रही थीं, वहां पर छोटी मशीनों के जरिए फॉगिग कर मच्छर को खत्म किया जा सके।

सेहत विभाग के जिला एपिडिमालोजिस्ट डा. गुरकीरत सिंह का कहना है कि फॉगिग केवल पैदा हो चुके मच्छरों को मारता है, न कि लारवा को मारता है। इसलिए लोगों को सावधानियां बरते हुए डेंगू लारवा पैदा नहीं होने देना चाहिए। अगर लारवा पैदा नहीं होगा, तो अंडे नहीं बनेंगे और मच्छर पैदा नहीं होगा। उन्होंने बताया कि लोगों को भ्रम है कि फॉगिग करने से लारवा भी मरता है, जोकि गलत है। डेंगू मरीज बढ़ने का कारण भी साफ पानी में पैदा हो रहे डेंगू का लारवा है। जहां डेंगू व चिकगुनिया के मरीज पाए गए हैं उनके इलाकों में सेहत विभाग की टीमें लोगों के घरों में जाकर फॉगिग कर रही हैं। निगम के चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर सतीश कुमार बंडरवाल का कहना है कि टीमें बठिडा के सभी सरकारी दफ्तरों में जाकर उनके अंदर दवा की फॉगिग कर रही हैं। सभी दफ्तरों को मच्छर मुक्त बनाने के लिए ही फॉगिग अभियान चल रहा है।

chat bot
आपका साथी