मरीजों को राहत, 30 तक डाक्टर चलाएंगे निश्शुल्क ओपीडी
करीब एक माह से एनपीए के विरोध में हड़ताल पर चल रहे डाक्टरों ने मरीजों को कुछ राहत दी है।
जासं,बठिडा: करीब एक माह से एनपीए के विरोध में हड़ताल पर चल रहे डाक्टरों ने मरीजों को कुछ राहत दी है। बीते दिनों मोहाली में हुई मीटिंग में सेहत मंत्री बलवीर सिंह सिद्धू ने एक सप्ताह में मांगों को पूरा करने का आश्वान दिया है। ऐसे मेंडाक्टरों ने फैसला लिया है कि वे 30 जुलाई तक सरकारी ओपीडी का बायकाट कर यूनियन की पर्ची पर मरीजों के लिए निश्शुल्क ओपीडी शुरू करेंगे। इमरजेंसी सेवाओं के अलावा एमएलआर, मेडिकल करने की सेवाएं भी की जाएंगी। हालांकि, पीसीएमएस यूनियन ने सर्जरी, आप्रेशन, वीसी, ट्रेनिग, सरकारी वेबिनार, यूडीआइडी कैंप, आयुषमान, सरकारी मीटिग आफिशियल वर्क, वीआइपी ड्यूटी, ई-संजीवनी समेत अन्य दफ्तरी काम बंद रखने का फैसला किया है। साथ ही कहा है कि अगर एक सप्ताह में मांगें न मानी गई तो फिर से हड़ताल शुरू करेंगे।
उधर, सोमवार को निश्शुल्क ओपीडी में सुबह ही मरीजों की भीड़ जुट गई। सबसे ज्यादा मरीजों की भीड़, आर्थो, एमडी मेडिसन, सर्जरी, मनारोग विशेषज्ञ डाक्टरों के पास देखने को मिली। वहीं लैब में टेस्ट और एक्सरे जैसी भी सुविधाएं मरीजों को मिलने से काफी राहत मिली। इसी तरह वूमेन एंड चिल्ड्रन अस्पताल में भी डाक्टरों की तरफ से ओपीडी किए जाने के चलते छोटे बच्चों के अलावा गभर्वती महिलाओं को इलाज मिल सका।
ओपीडी के बाद डाक्टरों ने अस्पताल परिसर के अंदर ही पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर अपना रोष भी जाहिर किया। साथ ही ोगों को भी सरकार की लोक विरोधी नीतियों के बारे में जागरूक किया। उधर,पीसीएमएस यूनियन के जिला प्रधान डा. जगरूप सिंह ने बताया कि उनका संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ है। सरकार ने उनकी मांगों को पूरा करने के लिए कुछ समय मांगा है, इसलिए स्टेट स्तर पर फैसला हुआ कि डाक्टर सरकारी ओपीडी की जगह पैरेलल निश्शुल्क ओपीडी चलाई जाए ताकि इलाज नहीं होने के कारण परेशान हो रहे मरीजों को कुछ राहत मिल सके। यह ओपीडी 30 जुलाई तक चलेगी। अगर सरकार ने इस समय बीच उनकी मांगों को पूरा नहीं मानती है, तो संघर्ष ओर तेज किया जाएगा।