सेहत सेवाएं बंद कर चंडीगढ़ में डाक्टरों ने किया प्रदर्शन

पिछले दो सप्ताह से एनपीए में की गई कटौती के विरोध में रोष प्रदर्शन कर रहे डाक्टरों ने शुक्रवार को चंडीगढ़ में प्रदर्शन किया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 09:46 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 09:46 PM (IST)
सेहत सेवाएं बंद कर चंडीगढ़ में डाक्टरों ने किया प्रदर्शन
सेहत सेवाएं बंद कर चंडीगढ़ में डाक्टरों ने किया प्रदर्शन

जासं,बठिडा: पिछले दो सप्ताह से एनपीए में की गई कटौती के विरोध में रोष प्रदर्शन कर रहे डाक्टरों ने शुक्रवार को चंडीगढ़ में प्रदर्शन किया, जिसमें शामिल होने के लिए पीसीएमएस के जिला प्रधान डा.जगरूप सिंह की अगुआई में दो दर्जन से ज्यादा डाक्टर चंडीगढ़ रवाना हुए। इसके चलते शुक्रवार को भी सिविल अस्पताल में सेहत सेवाएं बद रहीं और लोगों को परेशान होना पड़ा। हालांकि इमरजेंसी सेवा चालू रखी गई, लेकिन सरकारी ओपीडी, आप्रेशन, टेस्ट, एक्सरे, अल्टासाउंड समेत तमाम सरकारी काम बंद रखे गए।

ओपीडी बंद होने के कारण ज्यादातर मरीज इमरजेंसी में अपना इलाज करवाने के लिए पहुंचे, जिस कारण इमरजेंसी में मरीजों की काफी भीड़ देखने को मिली। मरीजों ने रोष जताया कि दो सप्ताह से वे परेशान हो रहे हैं, लेकिन डाक्टरों की हड़ताल खत्म नहीं हो रही। रोजाना उन्हें बिना इलाज करवाए लौटना पड़ रहा है। हालांकि डाक्टरों ने वीरवार को ही ओपीडी पर हड़ताल का बैनर लटका दिया था, लेकिन जानकारी के आभाव में दूर-दराज से आए मरीज काफी परेशान हुई। सरकार ने दो बार रद की मीटिंग, अब होगी आरपार की लड़ाई: डा. जगरूप

पंजाब सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन (पीसीएमएस) के जिला प्रधान डा. जगरूप सिंह का कहना है कि वह खुद मरीजों की मजबूरी समझते हैं, लेकिन वह भी मजबूर हैं। कोरोना काल में अपनी जान की परवाह किए बिना मरीजों का इलाज करने वाले डाक्टरों के साथ पंजाब सरकार धक्केशाही कर रही है। सरकार ने दो बार मीटिग बुलाकर रद कर दी। गत वीरवार को भी ग्रुप आफ मिनिस्ट्री के साथ पंजाब भवन में रखी बैठक अंतिम समय में रद कर दी गई। इसी कारण शुक्रवार को सभी डाक्टरों ने चंडीगढ़ जाकर प्रदर्शन करने का फैसला लिया। डाक्टरों ने अब अपने हक के लिए आरपार की लड़ाई लड़ने का फैसला लिया है।

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