ड्रिप और स्प्रिंक्लर इरीगेशन से बचा रहे 35 फीसद पानी

जल ही जीवन है। पानी की एक-एक बूंद को बचाने की जरूरत है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 05:23 AM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 05:23 AM (IST)
ड्रिप और स्प्रिंक्लर इरीगेशन से बचा रहे 35 फीसद पानी
ड्रिप और स्प्रिंक्लर इरीगेशन से बचा रहे 35 फीसद पानी

जागरण संवाददाता, बठिडा: जल ही जीवन है। पानी की एक-एक बूंद को बचाने की जरूरत है। अगर सब लोग इसके प्रति सचेत नहीं हुए तो आने वाली पीढि़यों को लिए पानी का संकट खड़ा हो जाएगा। यह कहना है कि कृषि विज्ञान केंद्र के सेवानिवृत्त एसोसिएट डायरेक्टर डा. जतिदर सिंह बराड़ का। डा. जतिदर बराड़ की गांव नाथवाणा में 40 एकड़ जमीन है, जिसमें से 20 एकड़ जमीन में उन्होंने किन्नू का बाग लगाया हुआ है। पिछले नौ वर्षो से ड्रिप इरीगेशन और स्प्रिंक्लर इरीगेशन तकनीक को अपनाकर पानी की बचत कर रहे हैं।

डा. बराड़ ने बताया कि किन्नू का बाग पूरी तरह से ड्रिप इरीगेशन और स्प्रिंक्लर इरीगेशन तकनीक पर निर्भर है। इससे वह पानी तो बचा ही रहे हैं, साथ ही सोलर सिस्टम से बिजली की बचत भी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने खेतों में तीन बड़े टैंक बनाए हुए हैं। तीनों टैंकों को केनाल वाटर के बाद सोलर सिस्टम से ही पानी से भरते हैं। पानी स्टोर करने के बाद सोलर सिस्टम के जरिए ही टैंकों से ड्रिप व स्प्रिंक्लर तकनीक से बाग को पानी देते हैं। इस तकनीक से करीब 35 फीसद पानी की बचत हो रही है। पौधों को खाद भी ड्रिप से ही देते हैं। इससे खादों की खपत भी बहुत कम होती है। खेतों में सोलर सिस्टम से चलाएं छोटी मोटरें

डा. जतिदर बराड़ किसानों को सलाह देते हुए कहते हैं कि उन्हें पानी की बचत करनी चाहिए। अपने खेतों में बड़ी मोटरें लगाने के बजाय सोलर सिस्टम पर छोटी मोटरें लगानी चाहिएं। खेत में टैंक बनाकर सोलर मोटर से फसलों को पानी देना चाहिए। धरती पानी का बैंक है। जिस तरह से बैंक से लगातार पैसे निकालते रहने से अकाउंट खाली हो जाता, उसी तरह पानी का बैंक भी खत्म हो जाएगा। इसके प्रति बेहद गंभीर होने की जरूरत है।

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