कोरोना होने पर घबराये नहीं, सकारात्मक रहें
मौजूदा समय में कोरोना को लेकर सभी के मन में एक डर और नकारात्मक सोच हावी है
जासं, बठिडा : मौजूदा समय में कोरोना को लेकर सभी के मन में एक डर और नकारात्मक सोच हावी है, लेकिन कोरोना होने पर डरने या घबराने की नहीं, बल्कि सकारात्मक रहने की जरूरत है। इसी सकारात्मक के चलते मैं भी कोरोना को हराने में सफल हो पाई हूं अब मैं बिल्कुल ठीक हूं और अपनी सामान्य जिदगी में लौट आई हूं। कोरोना होने पर मैंने खुद को होम-आइसोलेट किया व डाक्टर द्वारा बताई कुछ दवाओं के साथ-साथ स्टीम लेना और गर्म पानी पीना शुरू किया महज दो-तीन दिन में ही बहुत ठीक अनुभव करने लगी, खुद को किताबें-कहानियां पढ़ने आदि में व्यस्त रखा, अच्छी डाइट लेती रही, पारिवारिक सदस्यों के हौसले और पाजिटिव सोच के साथ आइसोलेशन पीरियड पूरा किया मुझे आक्सीजन की कमी जैसी कोई परेशानी नहीं आई और मैं बिल्कुल ठीक हो गयी। यदि कोई भी व्यक्ति इस रोग की चपेट में आता है तो सबसे पहले खुद को आइसोलेट करे और नकारात्मक तो बिल्कुल न हो। कोरोना को हराना मुश्किल नहीं हैं, बस थोड़ी हिम्मत और सकारात्मक सोच की जरूरत है।
पायल बांसल, बठिडा ।
बहनोई ने पिता की तरह दिया प्यार
इस कोरोना महामारी ने मेरे बहनोई रोशन लाल गर्ग की भी जान ले ली है। हालांकि वह करीब 80 वर्ष के हो चुके थे। लेकिन इसके बावजूद तंदरुस्त थे। न जाने कब, कैसे और कहां पर इस बीमारी की चपेट में आए और पाजिटिव हो गए। अंतत: इस बीमारी ने उनकी जान ले ली। मैं तब काफी छोटा था जब मेरी सबसे बड़ी बहन की शादी हुई थी। बहनोई ने मुझे अपने बच्चों की तरह प्यार दिया। इतना प्यार कि जिसे वह कभी नहीं भूल पाएंगे। उन्होंने मुझे पिता की तरह प्यार दिया। वह हमारे हर सुख दुख में साथ देते थे। परिवार की ओर से कोई भी काम किया जाना होता तो सबसे पहले उनकी ही सलाह ली जाती रही है। उनकी सलाह के बिना कभी कोई काम नहीं किया। उनकी मृत्यु से आज ऐसा लगता है कि जैसे पूरा परिवार ही बेसहारा हो गया हो। यह बीमारी बहुत भयानक है। इससे बचाव रखना बहुत जरूरी है। इस बीमारी का पता नहीं चलता कि इंसान कब, कैसे और कहां पर इसकी चपेट में आ जाए। इसलिए राज्य सरकार द्वारा दी गई हिदायतों का पूरी तरह से पालन करना चाहिए। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही भारी पड़ सकती है। कोशिश करें कि अपने घर पर ही रहे। किसी जरूरी काम से ही घर से निकलें। लेकिन बाहर निकलने के दौरान पूरी सावधानियां बरतें।
- विजय कुमार गोयल, समाजसेवी