मजदूरों की कमी, धान की सीधा बिजाई की तैयारी
कोरोना के चलते प्रदेश में इस बार फिर से मजदूरों की कमी रहने के कारण किसानों ने बड़े रकबे में धान की सीधी बिजाई की तैयारी की है।
सुभाष चंद्र, बठिडा
कोरोना के चलते प्रदेश में इस बार फिर से मजदूरों की कमी रहने के कारण किसानों ने बड़े रकबे में धान की सीधी बिजाई (डीएसआर) करने की तैयारी कर ली है। साथ ही कृषि विभाग की ओर से इस बार प्रदेश में 12 लाख हेक्टेयर रकबे में धान की सीधी बिजाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जोकि पिछले वर्ष 5.19 लाख ही था। लक्ष्य की प्राप्ति के लिए खेतीबाड़ी विभाग गांवों में कैंप लगाकर किसानों को सीधी बिजाई के लिए प्रेरित कर रहा है। पिछले वर्ष जिले में कुल 1.70 लाख हेक्टेयर रकबे में धान की बिजाई हुई थी, जिसमें 34,000 हेक्टेयर रकबे में सीधी बिजाई की गई। इस बार कुल 1.52 लाख हेक्टेयर रकबे में धान की बिजाई का अनुमान है, जिसमें से 88 हजार हेक्टेयर में सीधी बिजाई का लक्ष्य है।
प्राप्त आंकड़ों के अनुसार पिछले वर्ष पंजाब में डीएसआर तकनीक से करीब 5.19 लाख हेक्टेयर रकबे में धान की सीधी बिजाई की गई थी। साल 2010 से 2019 तक कुल 3.37 रकबे को डीएसआर के अधीन लाया गया था। पंजाब में 2010 में धान की सीधी बिजाई की सिफारिश की गई थी। इस वर्ष खेतीबाड़ी विभाग ने 12 लाख हेक्टेयर रकबे में धान की सीधी बिजाई का लक्ष्य तय किया है। कोरोना महामारी के चलते इस बार भी अन्य राज्यों के मजदूरों के पंजाब आने की कोई संभावना नहीं है, जिसको देखते हुए किसान धान की सीधी बिजाई की तैयारी कर रहे हैं। दस वर्षो में धान की सीधी बिजाई
वर्ष रकबा (हेक्टेयर)
2010 100
2011 100
2012 8922
2013 38900
2014 115000
2015 165000
2016 19660
2017 9440
2018 6274
2019 23300
2020 519000 बठिडा जिले में 88 हजार हेक्टेयर में होगी बिजाई: बहादुर सिंह
जिला खेतीबाड़ी अधिकारी बहादुर सिंह सिद्धू का कहना है कि धान की सीधी बिजाई के नीचे रकबा बढ़ाने के लिए विभाग हर संभव कोशिश कर रहा है। पिछले वर्ष धान की की गई सीधी बिजाई पूरी तरह सफल रही है, जिस कारण इस बार भी बड़ी गिनती में किसान सीधी बिजाई करेंगे। इस वर्ष जिले में 88000 हेक्टेयर रकबे में सीधी बिजाई होने का अनुमान है। किसानों को सब्सिडी पर दी जाएगी मशीनरी: सुखदेव सिंह
खेतीबाड़ी विभाग के डायरेक्टर सुखदेव सिंह सिद्धू ने कहा कि डीएसआर समेत अन्य मशीनों के लिए जल्द ही अर्जियां मांगी जा रही हैं। किसानों को यह मशीनरी सब्सिडी पर उपलब्ध करवाई जाएंगी। इसे पारदर्शी बनाने के लिए विभाग की तरफ से एक पोर्टल बनाया जा रहा है। पिछले वर्ष कुछ जगहों पर सीधी बिजाई की शिकायतें मिली थीं। शिकायतों के समाधान के लिए हेल्प डेस्क भी शुरू किया जा रहा है।