मंत्री व विधायक के बेटों को नौकरी देने का विरोध करेगी मृतक आश्रित कमेटी

मृतक आश्रित कमेटी के नेताओं ने कैप्टन सरकार की तरफ से मंत्री व विधायक के बेटों को नौकरी देने का कड़ा विरोध किया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 02 Jun 2021 10:12 PM (IST) Updated:Wed, 02 Jun 2021 10:12 PM (IST)
मंत्री व विधायक के बेटों को नौकरी देने का विरोध करेगी मृतक आश्रित कमेटी
मंत्री व विधायक के बेटों को नौकरी देने का विरोध करेगी मृतक आश्रित कमेटी

जागरण संवाददाता, बठिडा: मृतक आश्रित कमेटी के नेताओं ने कैप्टन सरकार की तरफ से मंत्री व विधायक के बेटों को नौकरी देने का कड़ा विरोध किया है। मृतक आश्रित कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष चरणजीत सिंह देयोण, उपप्रधान बलजीत सिंह पट्टी, जिला प्रधान जोगी चहल ने कहा कि कैप्टन अमरिदर सिंह सरकार के घर-घर नौकरी देने के वादे की फूंक तो निकली ही है, लेकिन अब आम परिवारों के युवकों को नौकरियां देने के बजाय अपने मंत्रियों व विधायकों के लड़कों को नौकरी देने की साजिशें रची जा रही हैं।

पंजाब राज बिजली बोर्ड के मृतक कर्मचारियों के बेरोजगार बेटों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वे अपने अधिकारों के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। मृतक आश्रित कमेटी के बेरोजगार नौजवान इस धक्केशाही का कड़ा विरोध करेंगे। वह विधानसभा के चुनाव में भी कैप्टन अमरिदर सिंह सरकार के खिलाफ प्रचार करेंगे। कोरोना से मारे गए लोगों के स्वजनों को भी नौकरी दें कैप्टन: सिंगला कैप्टन सरकार द्वारा दो विधायकों के बेटों को डीएसपी व तहसीलदार के पद पर तैनात करने की घोषणा के बाद पूर्व विधायक व व्यापार विग अकाली दल के प्रधान सरूप चंद सिगला ने सवाल उठाए हैं। वहीं मांग की कि कोरोना महमारी के दौरान मृतक परिवारों के मेंबरों को भी नौकरी दी जाए ताकि वह अपने घरों को चला सकें।

उन्होंने कहा कि कैप्टन सरकार कांग्रेसियों के ही घरों के काम कर रही है। यहां तक कि वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल पंजाब के विकास के लिए हमेशा से ही खजाना खाली होने की दुहाई देते हैं। मगर अब नौकरियों का ऐलान करने के बाद वह चुप हो गए हैं। उनका कहना है कि कोरोना महामारी में लोग मर रहे हैं, जिनको सरकार आक्सीजन तक मुहैया करवा नहीं पा रही है। अगर यही हाल है तो कोरोना काल में जिन गरीब परिवारों के लोगों की मौत हो गई है, उनको भी सरकार को नौकरी देनी चाहिए। वहीं उन्होंने सरकार के इस फैसले को रद करने की मांग की है।

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