पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय का एनआइआरएफ इंडिया रैंकिग में 84वां स्थान

पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय बठिडा को एनआइआरएफ इंडिया रैंकिग-2021 में 84वां रैंक मिला है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 10 Sep 2021 09:48 PM (IST) Updated:Fri, 10 Sep 2021 09:48 PM (IST)
पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय का एनआइआरएफ इंडिया रैंकिग में 84वां स्थान
पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय का एनआइआरएफ इंडिया रैंकिग में 84वां स्थान

जागरण संवाददाता बठिडा: पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय बठिडा (सीयूपीबी) ने शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की ओर से वीरवार देश भर के शैक्षणिक संस्थानों के मूल्यांकन के लिए जारी की गई राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिग फ्रेमवर्क (एनआइआरएफ) इंडिया रैंकिग-2021 में 84वां रैंक हासिल किया। इस रैंकिग के प्रकाशित होने के साथ ही सीयूपीबी को पिछले तीन वर्षों में लगातार तीसरी बार एनआइआरएफ रैंकिग में भारत के शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों में सूचीबद्ध होने का गौरव प्राप्त हुआ। भारत के 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में सीयूपीबी एनआइआरएफ-2021 में 12वें स्थान पर है।

सीयूपीबी के कुलाधिपति प्रो.जगबीर सिंह के मार्गदर्शन और कुलपति प्रो. राघवेंद्र प्रसाद तिवारी के कुशल नेतृत्व में सीयूपीबी ने एक बार फिर कीर्तिमान स्थापित किया है। इससे पहले एनआइआरएफ-2019 में सीयूपीबी ने 95वां और 2020 में 87वां रैंप हासिल किया था। देश भर के विश्वविद्यालयों/संस्थानों को रैंक प्रदान करने के लिए एनआइआरएफ में शिक्षा मंत्रालय की ओर से अनुमोदित पद्धति का अनुसरण करते हुए पांच मापदंडों पर मूल्यांकन किया गया है। यह मूल्यांकन शिक्षण, संसाधन, अनुसंधान और व्यावसायिक कार्यप्रणाली, स्नातक परिणाम, बाह्य-पहुंच और समावेश और धारणा पर आधारित रहा। कुलपति प्रो. राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी ने इस सफलता का श्रेय शिक्षकों, छात्रों, अधिकारियों और कर्मचारियों की कड़ी मेहनत को दिया। उन्होंने कहा कि हमें आने वाले वर्षों में अनुसंधान और व्यावसायिक कार्यप्रणाली (आरपीसी) और धारणा के मापदंडों में विशेष रूप से सुधार करने के साथ-साथ एनआइआरएफ के शेष तीन मापदंडों पर कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने आरपीसी में सुधार के लिए संकाय और शोधार्थियों से शोध प्रकाशनों, शोध परियोजनाओं और पेटेंट की संख्या को बढ़ाने के लिए आग्रह किया। धारणा में सुधार के लिए प्रो. तिवारी ने सीयूपीबी समुदाय से स्थानीय और राष्ट्रीय मुद्दों के समाधान खोजने के लिए अनुसंधान करने और बाह्य-पहुंच कार्यक्रमों के माध्यम से समाज के साथ एक मजबूत संबंध स्थापित करने की अपील की।

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